Sweet Jannat MMS: 19 मिनट वाले वीडियो ने बढ़ाई ऑनलाइन सनसनी, कौन हैं ये चर्चित चेहरा?
New Viral Video Couple: स्वीट जन्नत वाले 19 मिनट के कथित एमएमएस को लेकर चल रही चर्चा की असल कहानी यह है कि यह वीडियो एक इंस्टाग्राम कपल का प्राइवेट मोमेंट बताकर वायरल किया जा रहा है, जबकि खुद इन्फ्लुएंसर स्वीट जन्नत और कई फैक्ट‑चेक रिपोर्टें इसे फेक और एआई‑जनरेटेड क्लिप मान रही हैं। इस कंटेंट की वजह से न सिर्फ उनकी पर्सनल इमेज को नुकसान पहुंचा है, बल्कि सोशल मीडिया पर एआई से बने अश्लील वीडियो, फेक एमएमएस और साइबर बुलिंग को लेकर बड़ा सवाल भी खड़ा हो गया है।
वायरल वीडियो क्या है?

स्वीट जन्नत कौन हैं?
कई रिपोर्टों के मुताबिक स्वीट जन्नत एक उभरती हुई इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर हैं, जिनका अकाउंट हैंडल @sweet_zannat_12374 जैसे नाम से वायरल चर्चा में आया और जो पढ़ाई के साथ‑साथ सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। प्लेटफॉर्म पर उनके फॉलोअर्स की संख्या पहले सीमित थी, लेकिन विवाद शुरू होने के बाद अचानक फॉलोअर्स और प्रोफाइल विज़िट में तेज बढ़ोतरी देखी गई, जो अक्सर किसी बड़े ट्रेंड या कंट्रोवर्सी से जुड़ा पैटर्न माना जाता है। खबरों में यह भी सामने आया कि उन्हें कई जगह “वायरल गर्ल” टैग के साथ शेयर किया जा रहा है, जबकि उनकी पहचान और निजी जीवन के बारे में पक्के डिटेल्स अभी भी साफ नहीं हैं।
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वीडियो पर स्वीट जन्नत की सफाई?
वायरल विवाद के बाद जिस लड़की को लोग स्वीट जन्नत समझ रहे थे, उसने एक अलग वीडियो में साफ कहा कि क्लिप में दिख रही फुटेज एआई से तैयार की गई है और उसका रियल लाइफ से कोई लेना‑देना नहीं है। फैक्ट‑चेक आर्टिकल्स में बताया गया कि लड़की ने कैमरे पर खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसकी इमेज का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और वह साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में है। कई पोर्टल्स ने टेक्निकल एनालिसिस का हवाला देते हुए लिखा कि वीडियो में चेहरों की मूवमेंट और लाइटिंग में गड़बड़ियां हैं, जो एआई‑जनरेटेड या मॉर्फ्ड कंटेंट की ओर इशारा करती हैं, इसलिए इसे असली एमएमएस मानना गलत है।
फैक्ट‑चेक और एआई एमएमएस का खतरा
हिंदी और अंग्रेजी दोनों में प्रकाशित फैक्ट‑चेक रिपोर्टों ने इस 19 मिनट के वायरल एमएमएस को भ्रामक बताया और साफ लिखा कि यह स्वीट जन्नत या किसी कन्फर्म्ड इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर का प्राइवेट वीडियो नहीं है। इन रिपोर्टों के अनुसार, क्लिप को जानबूझकर “इंस्टाग्राम कपल”, “टीचर‑स्टूडेंट एमएमएस” जैसे अलग‑अलग टाइटल्स से शेयर किया जा रहा है ताकि सनसनी फैलाई जा सके और ट्रैफिक बढ़ाया जा सके। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि एआई‑बेस्ड डीपफेक और मॉर्फ्ड वीडियो अब इतने रियलिस्टिक लगने लगे हैं कि बिना वेरिफिकेशन के किसी भी वायरल एमएमएस पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है और यह निर्दोष लोगों की सोशल, पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ तबाह कर सकता है।
साइबर क्राइम, प्राइवेसी और सोशल मीडिया यूज़र्स की जिम्मेदारी
कानूनन किसी की अनुमति के बिना उसका चेहरा या पहचान इस्तेमाल करके अश्लील या भ्रामक वीडियो बनाना और शेयर करना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है, जिस पर आईटी एक्ट और आईपीसी की अलग‑अलग धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। कई विशेषज्ञ इस केस को उदाहरण बनाकर सलाह दे रहे हैं कि यूज़र्स किसी भी “लीक्ड एमएमएस” या “प्राइवेट वीडियो” को डाउनलोड, फॉरवर्ड या री‑अपलोड न करें, क्योंकि इससे कानूनी जोखिम के साथ‑साथ पीड़ित की मानसिक स्थिति और सामाजिक सुरक्षा पर भी गहरा असर पड़ता है। फैक्ट‑चेक संस्थाएं लोगों से अपील कर रही हैं कि ऐसी किसी भी क्लिप की सच्चाई जानने के लिए विश्वसनीय समाचार या फैक्ट‑चेक पोर्टल पर क्रॉस‑चेक जरूर करें और यदि संभव हो तो ऐसे कंटेंट की रिपोर्ट या ब्लॉक ऑप्शन का इस्तेमाल करें, ताकि प्लेटफॉर्म से इसे हटाया जा सके।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया में किए गए दावों और उपलब्ध रिपोर्ट्स पर आधारित है। समृद्ध झारखंड किसी भी वीडियो, दावे या वायरल कंटेंट की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
