इंस्टाग्राम से आतंकी जाल तक: शमा परवीन बनी अल-कायदा के रेडिकल मॉड्यूल की 'लेडी बॉस'
बेंगलुरु से गुजरात ATS ने दबोचा, सोशल मीडिया के ज़रिए कर रही थी युवाओं को रेडिकलाइज
झारखंड की 30 वर्षीय शमा परवीन को गुजरात ATS ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. वह सोशल मीडिया के ज़रिए युवाओं को रेडिक्लाइज कर AQIS के लिए काम कर रही थी. पाकिस्तान से इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के ज़रिए संपर्क में रहते हुए वह 4–5 ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल चला रही थी. गिरफ्तार चार अन्य आतंकियों से पूछताछ के बाद उसका नाम सामने आया. ATS ने इसे गंभीर आतंकी मॉड्यूल बताया है.
नई दिल्ली/रांची: गुजरात एटीएस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड की रहने वाली 30 वर्षीय शमा परवीन को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. शमा परवीन पर अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के लिए ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल चलाने और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर प्रेरित करने का आरोप है.

गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि इससे पहले गिरफ्तार चार संदिग्ध आतंकियों की निशानदेही पर यह गिरफ्तारी हुई है. पकड़े गए आतंकियों में मोहम्मद फरदीन, सैफुल्लाह कुरैशी, जीशान अली और मोहम्मद फैक शामिल हैं, जो AQIS से जुड़े बताए जा रहे हैं.
शमा परवीन कथित रूप से एक इंस्टाग्राम अकाउंट चला रही थी, जिसके हज़ारों फॉलोअर्स थे. इसी प्लेटफॉर्म के जरिए युवकों को संपर्क में लाकर कट्टरपंथ की ओर धकेला जा रहा था. एटीएस अधिकारियों के अनुसार, परवीन इस मॉड्यूल की ‘मुख्य संचालिका’ थी और पांच से अधिक डिजिटल टेरर नेटवर्क से जुड़ी थी.
जांच एजेंसियों का दावा है कि परवीन को अत्यधिक रेडिकलाइज किया गया था और वह लंबे समय से एजेंसियों के रडार पर थी. उससे जब्त डिवाइस से पाकिस्तान के साथ संवाद के कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं. फिलहाल उसे ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात लाया गया है और उससे पूछताछ जारी है.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल केवल हमले की योजना नहीं बना रहा था, बल्कि युवाओं को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध भड़काने और शरिया शासन लागू करने जैसी सोच की ओर उकसाने में भी लगा था.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
