गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए जैविक खेती को बढावा दिया जाएगा : जी अशोक कुमार

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का किया भ्रमण, कहा –
साहिबगंज वासी भाग्यशाली हैं कि यहां से गंगा गुजरती है।

गंगा के 5 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले गांव में शुरू होगी जैविक खेती लोगों को किया जाएगा जागरूक
साहिबगंज : राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी अशोक कुमार शुकवार को साहिबगंज जिला पहुंचे। यहां सर्वप्रथम उन्होंने चानन स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भ्रमण किया और उसके बाद वे जागरूकता कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस क्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव ने माननीय महानिदेशक को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कई जानकारियां दी तथा बताया कि पूरे शहर में ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से घरों से निकला हुआ पानी नाले के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आता है तथा यहां पानी का ट्रीटमेंट होने के बाद ही यह गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है। उन्होंने बताया कि घर घर को सीवरेज से जोड़ने हेतु कनेक्शन का कारी किया गया, इससे गंगा नदी में सीरियस शुद्ध जल प्रवाहित नहीं होता है तथा प्लांट के बन जाने से नदी काफी शुद्ध हुई है।
कार्यक्रम के दौरान जी अशोक कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों एवं जिले वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड का एकमात्र जिला साहिबगंज जहां से गंगा होकर गुजरती है। इसे निर्मल एवं स्वच्छ रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। हम सभी इस विषय पर सोचें एवं अपनी ओर से पूरा स्वच्छता के लिए पूरा प्रयास करें।
इसके बाद जिले के सिदो कान्हो सभागार में भी महानिदेशक की अध्यक्षता में नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत सहकार भारती से जोड़ने हेतु गंगा सहकार ग्राम का आयोजन किया गया, जहां महानिदेशक समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष सहकार भारती दीनदयाल ठाकुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री केशव भदौरिया एवं अन्य गणमान्य का पारंपरिक संथाल नृत्य से स्वागत किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महानिदेशक जी अशोक कुमार ने कहा कि साहिबगंज जिला एकमात्र जिला है झारखंड का जहां से गंगा नदी होकर गुजरती है एवं यह बेहद खूबसूरत है स्वच्छ गंगा मिशन सहकार भारती के साथ मिलकर गंगा के तट पर बसने वाले सभी शहरों एवं गांवों को जैविक खेती से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार की सोच है कि गंगा को पूरी तरह स्वच्छ किया जाए इसके लिए आवश्यक है कि सर्वप्रथम गंगा पर बसने वाले गांव में जैविक खेती या प्राकृतिक खेती से लोग जुड़े। जैविक खेती से जोड़ने 1के लिए किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गंगा के तटीय इलाकों में बसे गांव उत्पाद को बढ़ावा देते हुए इसकी मार्केटिंग की व्यवस्था आदि करने के लिए सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से एनएमसीजी सहकार भारती से जुड़कर गंगा साकार कार्यक्रम आयोजन कर रहा है। इसके माध्यम से किसानों को सहकारिता से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। छोटी-छोटी सहकारिता समितियां बनाई जाएंगी। उनका पंजीकरण किया जाएगा तथा धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ते हुए एक दिन गंगा के तटीय इलाकों में बसने वाले हर शहर और हर गांव को पूरी तरह से जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर निर्भर बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा इसके माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ेगी तथा पर्यावरण पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा नदियों को बचाया जा सकेगा। जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभाव से लोगों को बचाया जा सकेगा और लोग जल संरक्षण की ओर बढ़ सकेंगे। आगे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम नदियों को स्वच्छ रखें नदियों में बसने वाले जलीय जीवो के विषय में सोचें ताकि वह नदियों इको सिस्टम को बनाए रखें साथ ही हमारी यह सामूहिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी आगे आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ जल एवं स्वच्छ पर्यावरण दें। इसके लिए भी हमें अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण निर्वहन करते हुए अपना योगदान देना होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर ने कहा कि स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा सहकार भारती पर विश्वास ही इस कार्यक्रम की सफलता का आधार है ना सहकारिता आधारित खेती एवं क्रियाकलाप गंगा के तटीय इलाकों को जोड़ने के लिए स्वच्छ गंगा मिशन एवं सहकार भारती ने एमओयू किया है, जिसकी आज औपचारिक शुरुआत हो रही है। गंगा तट पर बसने वाले 5 किलोमीटर के दायरे में प्रत्येक गांव में जन-जन के सहयोग से सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। इसके लिए समय-समय पर किसानों में जैविक खेती की समझ विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर्यावरण एवं नदियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के विषय में लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी को एक कार्य पद्धति से जोड़ने एक विचारधारा से जोड़ने के लिए अगले कुछ दिनों में लगातार प्रयास किया जाएगा और यही सहकार भारती एवं एनएमसीजी का उद्देश्य है, ताकि गंगा निर्मल रूप से बहती रहे।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त रामनिवास यादव ने सभी का स्वागत किया एवं कहा कि पहली बार स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी अशोक कुमार का आगमन साहिबगंज जिले में हुआ है। उन्होंने जिले में नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में गंगा को स्वच्छ रखने से संबंधित कई जागरूकता अभियान एवं गतिविधियां समय-समय पर चलाई जाती है। वही घाट पर हाट के माध्यम से लोगों में जागरूकता तथा विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बीच लगातार प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उन्हें भी एक जिम्मेदार नागरिक बनाने एवं गंगा की स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से सुनिश्चित कराया जा रहा है कि गंगा नदी में अपशिष्ट पदार्थ एवं गंगाजल ना गिरे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा तट पर बसने वाले चिह्नित 75 गांव में सो क्विट का निर्माण किया गया है। वर्मी कंपोस्ट भी बनाए गए हैं। वही लोगों को जैविक खेती से जोड़ने का कार्य किया जाएगा, जिसमें अर्थ गंगा अहम भूमिका निभाएगी। अर्थ गंगा के माध्यम से किसानों की आमदनी तो बढ़ेगी गंगा के तटीय इलाकों में उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई व्यवस्थाएं भी की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद का उपयोग ना करने हेतु लोगों को जागरूक किया जाएगा एवं आने वाले समय में निश्चित ही लोग रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव को समझ सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान 06 सहकारी समितियों का पंजीकरण कर उन्हें प्रमाण पत्र दिया गया। वही स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक, सहकार भारती के अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं अन्य गणमान्य को मोमेंटो भी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा नगर परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवास यादव, प्रदेश महामंत्री सहकार भारती धनंजय कुमार सिंह, सहकार भारती प्रचार प्रसार मीडिया प्रभारी रितेश झा, जिला संयोजक नमामि गंगे मनोज कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी राम प्रसाद, डॉ रणजीत कुमार सिंह, जिला संयोजक गंगा सहकार ग्राम भारती रांची जिला अध्यक्ष राकेश चौधरी, गंगा विचार मंच से धर्मेंद्र कुमार, एनएसएस एनसीसी के सदस्य, स्काउट गाइड के छात्र नेहरू युवा केंद्र के ग्रामीण एवं दूर-दराज के इलाकों से आए किसान आदि उपस्थित थे।