ब्लॉक का चक्कर लगाने को मजबूर मंईयां सम्मान योजना की हकदार महिलाएं: बाबूलाल मरांडी
मईयां सम्मान योजना को लेकर बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
बाबूलाल मरांडी ने कहा, कई महिलाओं ने चार से पांच बार आवेदन किया, लेकिन फिर भी उनके खातों में सम्मान राशि जमा नहीं हुई. पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज मंईयां सम्मान योजना को लेकर फिर एकबार राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हजारीबाग जिले सहित पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. 18 से 50 वर्ष की उम्र की विधवा, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय महिलाएं, जो इस योजना के अंतर्गत आती हैं, उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा. कई महिलाओं ने चार से पांच बार आवेदन किया, लेकिन फिर भी उनके खातों में सम्मान राशि जमा नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रतिमाह 2500 रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन अधिकांश महिलाओं को राशि मिलना तो दूर, आवेदन स्वीकृति की स्थिति तक स्पष्ट नहीं है, इससे झारखंड की सभी माताएं बहनें परेशान हो रही हैं. कई मामलों में फार्म भरने और आवश्यक दस्तावेज देने के बावजूद योजना का लाभ नहीं मिला.
बाबूलाल कहा कि रामगढ़ जिले में भी स्थिति खराब है, जहां करीब 30 हजार महिलाओं को इस योजना की राशि अब तक नहीं मिली. प्रशासन की लापरवाही और प्रक्रियागत बाधाओं के कारण महिलाएं बार-बार कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं. प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण माताएं बहनें दिनभर लाइनों में खड़ी रहती हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें केवल और केवल निराशा मिलती है.
उन्होंने कहा कि भले ही योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना था, लेकिन सरकार की लापरवाही और देरी के कारण महिलाओं को मुश्किलों एवं सही क्रियान्वयन न होने से आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट साझा कर उकता बातें कहीं हैं.
हजारीबाग जिले सहित पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। 18 से 50 वर्ष की उम्र की विधवा, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय महिलाएं, जो इस योजना के अंतर्गत आती हैं, उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। कई महिलाओं… pic.twitter.com/4ElDGZ3L1G
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 7, 2024