कुड़मी समाज के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जाए: सुदेश महतो

रेल टेका, डहर छेका आंदोलन में शामिल हुए सुदेश महतो

कुड़मी समाज के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जाए: सुदेश महतो
सुदेश महतो (फाइल फोटो)

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने मुरी में कुड़मी समाज के रेल टेका–डहर छेका आंदोलन में भाग लेते हुए कहा कि कुड़मी समाज की एसटी सूची में शामिल करने और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता देने की मांग अब तत्काल पूरी की जाए। महतो ने झामुमो सरकार पर पीछे हटने के आरोप लगाए और राष्ट्रीय स्तर पर 16 संगठनों के साथ इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाने की जानकारी दी।

राँची: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा है कि आजसू लगातार कुड़मी समाज के साथ खड़ी रही है। कुड़मी समुदाय धैर्य के साथ विगत 90 वर्षों से अपने साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय के खिलाफ लड़ता आ रहा है। इसके धैर्य की अब और परीक्षा नहीं ली जाए। अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार अविलंब फैसला लें। महतो आज मुरी में कुड़मी समाज के रेल टेका, डहर छेका आंदोलन में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

महतो ने कहा कि कुड़मी समुदाय ने अपनी ताकत दिखा दी है। कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने और कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलाने की ऐतिहासिक मांग को लेकर झारखंड सहित आसपास के राज्यों में “रेल टेका–डहर छेका” आंदोलन का व्यापक रूप से सफल रहा है। कुड़मी समाज को 1931 में एसटी सूची से बाहर कर दिया गया था। तब से यह समाज अपने अधिकारों की लड़ाई लगातार लड़ रहा है।

सुदेश महतो ने राज्य झामुमो सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पहले शिबू सोरेन ने और 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं कुड़मी समाज की मांग को स्वीकार करते हुए उस पर अपनी सहमति जताई थी और हस्ताक्षर भी किए थे, लेकिन आज वही झामुमो अपने रुख से पीछे हट रहा है। यह एक लंबी लड़ाई है। जैसे देश की आज़ादी एक दिन में नहीं मिली, वैसे ही समाज ने समय के साथ जागरूकता और एकता के बल पर अपनी आवाज बुलंद की है। परंतु वर्तमान सरकार इस विषय पर गंभीर नहीं दिख रही है और लगातार अपने रुख में बदलाव कर रही है।

सुदेश महतो ने बताया कि आजसू पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर 16 संगठनों के साथ मिलकर भारत सरकार के समक्ष रखा है और गंभीर विचार-विमर्श के लिए प्रस्ताव भी सौंपा है। अब समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालें, ताकि समाज का आक्रोश शांत हो और ऐतिहासिक न्याय सुनिश्चित हो सके। महतो ने दोहराया कि कुड़मी समाज की मांग तथ्य एवं ऐतिहासिक आधार  पर पूरी तरह उचित है। पार्टी ने सरकार से अपील की है कि आंदोलन को देखते हुए त्वरित निर्णय ले और कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

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Edited By: Mohit Sinha
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Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.

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