पारस हॉस्पिटल में हुआ खून के थक्के से नीला पड़े हाथ का सफल इलाज
एचईसी में डॉक्टरों की टीम ने मरीज की अंग और जान बचाई
एचईसी के डॉक्टरों ने टीम वर्क के साथ काम कर एक मरीज की जान बचाई है। पारस हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश कुशवाहा और प्लास्टिक एवं पुनर्निर्माण सर्जन डॉ. विवेक गोस्वामी की देखरेख में अब मरीज पुरी तरह से ठीक हो गया है। मरीज के हाथ के नसों में खून का थक्का बन गया था। किसी भी खून की नली में खून का थक्का का अचानक या तुरंत भरने से समस्याएं आ जाती है।
रांची: पारस हॉस्पिटल एचईसी के डॉक्टरों ने टीम वर्क के साथ काम कर एक मरीज की जान बचाई है। हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट, प्लास्टिक माइक्रोवैस्कुलर सर्जन, इंटेंसिविस्ट और एनेस्थीसिया टीम ने मिलकर शानदार समन्वय के साथ मरीज की जान और अंग दोनों को बचाया। पारस हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश कुशवाहा और प्लास्टिक एवं पुनर्निर्माण सर्जन डॉ. विवेक गोस्वामी की देखरेख में अब मरीज पुरी तरह से ठीक हो गया है। इस संबंध में डॉ. महेश कुशवाहा ने कहा कि मरीज के हाथ के नसों में खून का थक्का बन गया था। किसी भी खून की नली में खून का थक्का का अचानक या तुरंत भरने से समस्याएं आ जाती है। उसी प्रकार इस मरीज के हाथ के खून के नसों में खून का थक्का जम गया था। हाथ नीला पड़ रहा था। हाथ बिल्कुल काम नहीं कर रहा था।

पारस में इस तरह के इलाज की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है। हार्ट की नसों में ब्लॉकेज का इलाज के अलावा पारस हॉस्पिटल में हाथ या पैर के नसों, किडनी की नसों, गर्दन की नसों में ब्लॉकेज का इलाज करते हैं। फेफड़ों की नली में भी खून के थक्के जम जाते हैं। इसका भी इलाज पारस हॉस्पिटल में उपलब्ध है। पारस हॉस्पिटल में इस तरह के कई मरीजों का इलाज किया गया है। डॉ कुशवाहा ने कि इस मरीज के मामले में डॉ. विवेक गोस्वामी से परामर्श लिया गया और मरीज को तुरंत वैस्कुलर सर्जरी के लिए ले जाया गया। मरीज को एक ही समय पर दो या दो से अधिक बीमारियां और रक्तस्राव की गंभीर स्थिति थी, इसके बावजूद एनेस्थीसिया टीम ने सफल सर्जरी हुई।
पारस हॉस्पिटल एचईसी के फैसिलिटी निदेशक डॉ नीतेश कुमार ने कहा कि मरीज बहुत ही गंभीर रूप से बीमार हो कर हॉस्पिटल पहुंचा था। इसकी हालत बहुत ही क्रिटिकल थी। लेकिन अनुभवी डॉक्टरों और उनकी टीम के अथक प्रयास से मरीज की जान बच गयी। यह केस पारस हॉस्पिटल की 24x7 सक्रिय कैथ लैब और समर्पित मेडिकल टीम की प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। मरीज का सही समय पर एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की समस्याओं का इलाज हो गया है।
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
