राज्य में जल जीवन मिशन को लेकर अलका तिवारी ने की उपायुक्तों के साथ समीक्षा
जल जीवन मिशन की सफलता में सभी डीसी दे लीडरशिप: मुख्य सचिव
अलका तिवारी ने कहा की मिशन के कार्यों में समन्वय स्थापित करने के लिए सक्रिय सहभागिता निभायें. इसकी नियमित समीक्षा करें. इलाके के मुखिया के साथ नियमित अंतराल पर बैठक करें
रांची: मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को हर घर नल से जल को लेकर चल रहे जल जीवन मिशन की झारखंड में वर्तमान स्थिति को लेकर को समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान मिशन के आड़े आ रही समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश की गई. वर्चुवल माध्यम से जुड़े तमाम जिले के उपायुक्तों को मुख्य सचिव ने मिशन के सुचारू क्रियान्वयन में लीडरशिप देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मिशन के कार्यों में समन्वय स्थापित करने के लिए सक्रिय सहभागिता निभायें. इसकी नियमित समीक्षा करें. इलाके के मुखिया के साथ नियमित अंतराल पर बैठक करें. इससे इलाके की अच्छी जमीनी जानकारी मिलेगी. इस फीडबैक का उचित उपयोग करें. उन्होंने कहा कि अधूरा कार्य और पूरा भुगतान का मामला सामने आने पर उसे गंभीरता से लें. उसकी जांच कराएं और समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें.
मिशन की देखरेख के लिए हर जिले में होंगे दो इंजीनियर

एजेंसी के जिम्मे है पांच साल तक रख-रखाव का जिम्मा
मुख्य सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत कार्यकारी एजेंसी को पांच साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी तय है. इस कारण छोटी-मोटी समस्या के समाधान में देरी नहीं होनी चाहिये. जो एजेंसी इसमें विफल रहती है, उसके खिलाफ प्रस्ताव दें, उसका निराकरण मुख्यालय स्तर से यथाशीघ्र होगा. वहीं निर्देश दिया कि प्रशासनिक स्तर की बाधा को उपायुक्त प्राथमिकता के स्तर पर अपनी लीडरशिप में दूर कराएं. इसके अलावा उपायुक्तों को जल जीवन मिशन के अधूरे कार्यों को पूरा कराने, पूरी हो चुकी योजना को ग्राम समिति को सुपुर्द करने का निर्देश दिया.
2028 तक सभी घरों में नल से जल पहुंचाना लक्ष्य
बताते चलें की 15 अगस्त 2019 को सभी ग्रामीण घरों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत हुई थी. दिसंबर 2028 तक इस योजना के तहत कार्य संपन्न करना है. इसके तहत अब तक झारखंड में 97,535 योजनाएं ली गई हैं. उनमें से 56,332 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं. 24,781 योजनाएं ग्राम समिति को सुपुर्द की जा चुकी ही. बाकी बची योजनाओं को ग्राम समिति को सुपुर्द करने की कार्रवाई की जा रही है. बताते चलें कि झारखंड में 29,398 गांव हैं. उनमें से 6963 गांवों को पूर्णतः नल के जल से जोड़ा जा चुका है. झारखंड के गांवों में 62,54,059 घर हैं. उनमें से 34,42,332 घरों में नलका से पानी आपूर्ति की जा रही है.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
