पलामू के पूर्व अध्यक्ष शैलेश कुमार के निधन पर शोक सभा, सांस्कृतिक आंदोलन को अपूर्णनीय क्षति
सांस्कृतिक व सामाजिक क्षेत्र में शैलेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका
इप्टा पलामू के पूर्व अध्यक्ष शैलेश कुमार के आकस्मिक निधन पर बुधवार की शाम एक शोक सभा का आयोजन किया गया।
पलामू : इप्टा पलामू के पूर्व अध्यक्ष शैलेश कुमार के आकस्मिक निधन पर बुधवार की शाम एक शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान इप्टा एवं सांस्कृतिक जगत से जुड़े कई साथियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व व योगदान को याद किया।

उल्लेखनीय है कि उनके पिताजी वाल्मीकि सिंह भी वाल्मीकि सिंह हाई स्कूल के प्राचार्य होने के साथ इप्टा पलामू के अध्यक्ष रहे थे। शैलेश कुमार ने इस सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए एकता और प्रगतिशील मूल्यों के आंदोलन को नई ऊर्जा दी।
भूगोल के शिक्षक होते हुए भी शैलेश कुमार साहित्य, विशेषकर कविता में गहरी रुचि रखते थे। उनकी रचनाओं में राजनीतिक व्यंग्य और जीवन के गहरे तत्वों की झलक मिलती थी। पत्नी के निधन के बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और दिल्ली में अपने पुत्रों के साथ रह रहे थे। इसके बावजूद वे फोन पर पलामू इप्टा की गतिविधियों की जानकारी लेते रहते थे। सांस्कृतिक पाठशाला की पहल को उन्होंने विशेष रूप से सराहनीय बताया था।
सभा के अंत में इप्टा पलामू के सचिव रवि शंकर ने शोक-संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शैलेश कुमार की कार्यशैली और सोच को वर्तमान समय के अनुरूप आगे बढ़ाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके बाद सभी उपस्थित साथियों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
शोक सभा में प्रलेस के अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव, अमन चक्र, राजीव रंजन, प्रेम कुमार, समरेश सिंह, संजीत दुबे, धीरेंद्र कुमार, भोला जी और प्रेम प्रकाश सहित कई साथी उपस्थित थे। जो सदस्य उपस्थित नहीं हो सके, उन्होंने इप्टा पलामू के व्हाट्सऐप समूह के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि प्रेषित की। श्रद्धांजलि देने वालों में प्रेम भसीन, सुरेश सिंह, शीला श्रीवास्तव, शशि पांडे, आशा शर्मा, संजीव कुमार संजू, अजीत कुमार, घनश्याम कुमार सहित कई सांस्कृतिक कर्मी शामिल हैं।
