नीलगाय के आतंक से चैनपुर के किसानों की 50 एकड़ फसल बर्बाद, वन विभाग पर कार्रवाई न करने का आरोप
रात-दिन पहरा देने के बावजूद किसान फसल नहीं बचा पा रहे, कई किसानों ने खेती छोड़ने का लिया फैसला
By: Susmita Rani
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पलामू के चैनपुर क्षेत्र में नीलगाय के झुंड लगातार खेतों पर हमला कर रहे हैं, जिससे 50 एकड़ से अधिक फसल नष्ट हो गई। किसान वन विभाग की कार्रवाई न होने से नाराज़ हैं।
पलामू : पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से सेट चैनपुर प्रखंड के पूर्वडीहा पंचायत क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में नील गाय का आतंक बना हुआ है। किसानों की 50 एकड़ से अधिक जमीन पर खेती प्रभावित हुई है। हर दिन नीलगाय झुंड में आते हैं और फसलों को चट और रौंद कर चले जाते हैं। किसान रात दिन पहरा देने के बाद भी अपनी मेहनत (फसल) को बचा नहीं पा रहे हैं।

शुक्रवार को कोल्हुआ, करमडीह, महुलिया, केकतुवा, परसिया समेत अन्य गांव के किसान विनीत रंजन दुबे, मनुज दुबे, नवनीत दुबे, विनीत दुबे, जयप्रकाश, संदीप दुबे, बजेंद्र दुबे सहित अन्य ने वन प्रमंडल पदाधिकारी मेदिनीनगर से जरूरी कार्रवाई करने का आग्रह किया।
किसान विनीत रंजन दुबे ने शुक्रवार को खेत में घुसकर झुंड में फसल चर रहे नीलगाय की तस्वीर जारी कर बताया कि उनके खेतों में राई, सरसो, चना, आलू की फसल लगी है। हर दिन झुंड में नीलगाय खेतों में घुस आ रहे हैं और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसी स्थिति में विभाग के साथ-साथ सरकार के प्रति किसानों में भारी आक्रोश है। नीलगाय के आतंक से कई किसानों ने तो खेती करना ही छोड़ दिया है। ऐसे में उनके समक्ष भारी आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। वह अपने खाली खेत को देखकर दुखी हो जा रहे हैं।
Edited By: Susmita Rani
