हाईकोर्ट का फैसला, अब सिर्फ झारखंड के मूल निवासियों को ही मिलेगा आरक्षण का लाभ
रांची: अब दूसरे राज्यों से पलायन कर झारखंड में बसने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। आज झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सिर्फ वैसे ही लोगों को एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा, जो झारखंड के मूल निवासी हैं। जबकि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को किसी भी वर्ग के कोटे का आरक्षण नहीं दिया जाएगा। आरक्षण के मामले की सुनवाई तीन जजों की खंडपीठ कर रही थी, जिसमें यह फैसला दो-एक के बहुमत से सुनाया गया।

इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति और जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने बिहार के निवासियों को आरक्षण न दिए जाने को सही ठहराया, जबकि जस्टिस एचसी मिश्रा के अनुसार एक समय में झारखंड एकीकृत बिहार का हिस्सा था। जिस कारण से बिहार के स्थायी निवासियों को झारखंड में आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है।
अपर महाधिवक्ता मनोज टंडन ने कहा कि सिर्फ झारखंड के मूल निवासियों को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कई फैसलों में राज्य के मूल निवासियों को ही सिर्फ आरक्षण देने की बात कही है।
जानकारी हो कि झारखंड सिपाही बहाली में बिहार के स्थायी निवासियों ने भी आरक्षण का फायदा लिया था। हालाँकि, बाद में इस मामले का उजागर होने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। जिस पर रंजीत कुमार सहित अन्य ने इस मामले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया। जिसके बाद से यह मामला दो खंडपीठों के अलग-अलग फैसलों के बाद तीन जजों की बेंच के पास स्थानांतरित हुआ।
