गांव की पहली बेटी बनीं अफसर, पिता बोले– बेटी ने गर्व से ऊंचा किया सिर
दीपिका बनीं लेबर सुपरिटेंडेंट, JPSC परीक्षा में हासिल की 222वीं रैंक
दीपिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इचाक प्रखंड स्थित विवेकानंद स्कूल से प्राप्त की. शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रखने वाली दीपिका ने पहली ही बार में JPSC परीक्षा पास कर यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादों और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
हज़ारीबाग़: हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड स्थित भूषवा गांव की दीपिका कुमारी ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया है. दीपिका ने इस परीक्षा में 222वीं रैंक हासिल की है और उन्हें लेबर सुपरिटेंडेंट पद के लिए चयनित किया गया है. यह उपलब्धि इसलिए भी खास बन जाती है क्योंकि दीपिका अपने गांव की पहली ऐसी बेटी हैं, जिन्होंने JPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है. दीपिका की इस उपलब्धि से पूरे क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है.
प्रारंभिक शिक्षा से ही रही होशियार

भावुक हुए पिता
दीपिका के पिता देवेंद्र यादव, जो एक साधारण किसान हैं, अपनी बेटी की इस सफलता से भावुक हो उठे. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,"मेरे लिए यह बेहद भावुक क्षण है कि मेरी बेटी अफसर बनेगी. वह बचपन से ही मेहनती रही है. आज उसकी मेहनत रंग लाई है."
समाज और छात्रों को दिया संदेश
दीपिका ने कहा कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे वे पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाएंगी. उनका सपना है कि वे समाज के लिए कुछ सकारात्मक कर सकें और जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंचे. उनका कहना है,"मेरे लिए यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का अवसर है. मैं पूरी ईमानदारी से समाज के हित में कार्य करूंगी. "वहीं उन्होंने उन छात्रों को भी संदेश दिया जो इस बार JPSC परीक्षा में सफल नहीं हो सके –"निराश न हों. मेहनत करते रहें, एक दिन जरूर सफलता मिलेगी. "दीपिका की यह सफलता खास तौर पर ग्रामीण और साधनहीन क्षेत्रों की लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत है. यह साबित करता है कि अगर दृढ़ निश्चय और सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
