पिता लाइन में पर्ची कटाते रहे, डेढ़ वर्षीय बेटी का बिना इलाज अस्पताल परिसर में मौत
अस्पताल लाने से पहले ही हो गयी थी बच्ची को मौत: डॉ. रुद्र कश्यप
गुमला: जिले में मंगलवार को एक दुखद कर देने वाली घटना देखने को मिली. जब चैनपुर प्रखंड के बम्दा कोरफोटोशी निवासी करीब 10.30 बजे एक पिता अपनी गंभीर रूप से बीमार अपनी नन्हीं बेटी(ख़ुशी कुमारी) के इलाज केलिए सदर अस्पताल पहुंचे थे जहाँ उन्हें पर्ची कटाने के लिए लम्बी लाइन में लगभग डेढ़ घंटे (12:04) इंतजार करना पड़ा. और जब तक उन्हें पर्ची मिली तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि उससे पूर्व ही उसकी डेढ़ वर्षीय नन्हीं बेटी बीना इलाज के अस्पताल परिसर में ही दम तोड़ दिया. इस मामले में अस्पताल के डॉ. रुद्र कश्यप ने दावा किया कि अस्पताल लाने से पहले ही बच्ची को मौत हो गई थी.
वहीं इस मामले में उनके पिता कमलेश ने बताया कि उसकी बेटी को शनिवार से बुखार था जिसका इलाज वह चैनपुर में ही करा रहे थे. जब वहाँ उसकी तबियत में कोई सुधार नहीं आया तो इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर आए, लेकिन सिस्टम की मार ने उनकी बेटी की जान ले ली. उन्होंने बताया कि अपनी बेटी के इलाज के लिए उन्होंने घाघरा के दरदान निकासी अपने जीजा सुलेंद्र आंव से 13 हजार रुपये उधार लिए थे. अस्पताल पहुंचने पर ओपीडी के बाहर गार्ड ने चलान कटाने के लिए कहा ते यह लाइन में लग गए. इस बीच बच्ची की हालत और बिगड़ गई. इस दौरान एक सहिया की नजर बच्ची पर पड़ी उब उसने डॉक्टर को बुलाया.

सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
