Giridih News: के. एन. बक्शी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में मासिक शैक्षणिक सेमिनार आयोजित
प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार सिंह ने शिक्षक की भूमिका पर जोर दिया
प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार सिंह ने शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक सफल शिक्षक में संचार कौशल, श्रवण क्षमता, सहानुभूति, धैर्य और अनुकूलनशीलता जैसे गुण होना आवश्यक है.
गिरिडीह: के० एन० बक्शी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में शनिवार को पाठ्यक्रम आधारित मासिक सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार सिंह ने की. सेमिनार का विषय था – "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सफल अध्यापन के आधार".

प्रोफेसर नूतन शर्मा ने कहा कि शिक्षण कार्य केवल कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को उचित मार्गदर्शन देना, भावनात्मक समझ रखना और सामाजिक वातावरण का निर्माण करना शिक्षक की प्रमुख जिम्मेदारियों में आता है.
प्रशिक्षणार्थियों की ओर से अमित कुमार ने कहा कि अध्यापन के दौरान विद्यार्थियों की भावनाओं और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर शिक्षण पद्धतियों को समायोजित करना चाहिए. सुशीला बास्के ने कहा कि छात्रों की प्रगति पर रचनात्मक प्रतिक्रिया देना उन्हें सुधार की दिशा में प्रेरित करता है. सरिता हांसदा ने विद्यार्थियों की मूल्यांकन प्रक्रिया में रचनात्मक आकलन और स्व-मूल्यांकन जैसी विधियों के उपयोग पर जोर दिया. वहीं बुलबुल कुमारी ने कहा कि सीखने के लिए एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण का निर्माण करना आवश्यक है, जिससे छात्र सहजता से ज्ञान अर्जित कर सकें.
सेमिनार में सभी प्रशिक्षणार्थियों ने अपने-अपने विचार लेख के रूप में प्रस्तुत किए. कार्यक्रम में उपप्राचार्य बिनोद कुमार सुमन, डॉ. शंकर सिंह, प्रो. नीलेश लकड़ा, डॉ. सुरेश यादव सहित पप्पू जयराज हेम्ब्रम, अनूपा कुमारी, पप्पू सिंह आदि मौजूद रहे.
कार्यक्रम का संचालन गौतम कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मो. आबिद अंसारी द्वारा प्रस्तुत किया गया. सेमिनार का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
