महान योद्धा जावरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी की जाति को लेकर राजनीति बंद हो : सूर्य सिंह बेसरा
बेसरा ने कहा, इस विषय की पर हो शोध
दुमका : झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता व घाटशिला के पूर्व विधायक एवं झारखंड रत्न सूर्य सिंह बेसरा ने केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग की है कि महान योद्धा शहीद तिलका मांझी उर्फ जावरा पाहाड़िया के सरनेम एवं जाति को लेकर शोध कराया जाये और वर्तमान में इस पर की जा रही किसी भी तरह की राजनीति को बंद किया जाए।
ज्ञात हो कि असेका नामक एक संगठन तिलका मांझी के नाम के साथ सरनेम मुर्मू जोड़ रहा है, जबकि बिहार सरकार के कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित तिलका मांझी की जीवनी में उनका नाम जावरा पाहाड़िया एवं जन्म स्थान तिलकपुर, जिला मुंगेर बताया गया है।
तिलका मांझी ने 1855 के संताल विद्रोह के अस्सी साल पूर्व वर्ष 1771 से 1784 तक तेरह साल तानाशाह अंग्रेज के विरुद्ध गुरिल्ला युद्ध किया था। उस समय वह 21 साल के युवा थे। झारखंड रत्न सूर्य सिंह बेसरा ने केंद्र एवं राज्य सरकार से युवा तिलका मांझी का एक सर्वमान्य चित्र तैयार करने के साथ उनके सरनेम को लेकर शोध कराने की मांग की है।