झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में पत्थलगड़ी को लेकर नरसंहार! सात की हत्या, दो लापता
पत्थलगड़ी समर्थकों व विरोधियों के बाद हुआ यह हादसा
राज्य की नयी सरकार के सामने बड़ी चुनौती

पत्थलगड़ी समर्थक और विरोधियों के बीच हुई हिंसक झड़प में कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग घायल हुए हैं अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और ना ही जिले के एसपी और पुलिस मुख्यालय के किसी अधिकारी की ओर कोई बयान आया है.
पहले पत्थलगड़ी समर्थकों को पीटा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा गांव में घूम-घूम कर कुछ दस्तावेज मांग कर उसे जमा करने का काम पिछले 10-12 दिनों से चल रहा था. इसी दौरान बीते 17 जनवरी को पत्थलगड़ी विरोधियों द्वारा पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मारपीट करने की घटना घटी थी.
इस घटना में कई पत्थलगड़ी समर्थकों को चोटें आयी थीं. बताया जा रहा है कि रविवार को पत्थलगड़ी समर्थक और पत्थलगड़ी विरोधियों के बीच फिर से हिंसक झड़प हुई जिनमें पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा पत्थलगड़ी विरोधी सात लोगों की हत्या कर दी गयी.
लापता लोगों के वापस नहीं आने पर सोमवार को परिजन पहुंचे थाना
पत्थलगढ़ी समर्थकों ने रविवार को गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की थी. मिली जानकारी के अनुसार पत्थलगढ़ी समर्थकों द्वारा रविवार को गाँव में ग्रामीणों के साथ बैठक की गयी थी. इस दौरान पत्थलगढ़ी समर्थक पत्थलगढ़ी का विरोध करनेवाले उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को पीटने लगे, जिसके बाद उनके परिजन डरकर वहां से भाग गये. इस क्रम में पत्थलगढ़ी समर्थक उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को उठाकर जंगल की ओर ले गये.
रविवार को उनके घर वापस नहीं लौटने पर सोमवार को उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों के परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे. उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस मामले की छानबीन में लगी ही थी कि मंगलवार दोपहर को पुलिस को उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों की हत्या कर उनके शव जंगल में फेंके जाने की सूचना मिली.

देर से मिली पुलिस को जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा में उपमुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या रविवार देर रात पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा कर दी गयी थी जिसके बाद सभी के शव को पास के जंगल में फेंक दिया गया. अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से पुलिस को घटना की जानकारी काफी लेट से हुई.
शव की नहीं हो सकी है बरामदगी
जानकारी के अनुसार जहां सभी सात व्यक्तियों की हत्या करके उनके शव को फेंका गया है. खबर लिखे जाने तक घटनास्थल पर पुलिस नहीं पहुंची है. बताया जा रहा है कि सभी लोगों की हत्या अगर पहाड़ी क्षेत्र में हुई होगी तो पुलिस सुबह घटनास्थल पर पहुंचकर सभी शव को बरामद कर लेगी.
डीजीपी कमल नयन चैबे ने भी कहा है कि शव की बरामदगी नहीं हुई है और ऐसे में अभी हत्या की बात नहीं कही जा सकती है.
इस इलाके में नक्सलियों द्वारा लैंडमाइंस विस्फोट किए जाने के खतरे को लेकर पुलिस सतर्कता बरत रही है.
मालूम हो कि हाल में सूबे की नयी हेमंत सोरेन सरकार ने पत्थलगड़ी को लेकर दर्ज किए मुकदमे वापस लेने का एलान किया था. रघुवर दास के समय में पत्थलगड़ी को अलगावाद से जोड़ कर देखा गया था और कई लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा हुआ था. ऐसे में अब जब यह नरसंहार हुआ है तो पत्थलगड़ी से संबंधित कई सवाल उठेंगे, जिसकी जद में सरकार भी आएगी.
