मुख्य सचिव और सेल के चेयरमैन के साथ बोकारो स्टील प्लांट के विभिन्न मसलों को लेकर समन्वय बैठक

756.94 एकड़ अप्रयुक्त वन भूमि के सीमांकन का निर्देश

मुख्य सचिव और सेल के चेयरमैन के साथ बोकारो स्टील प्लांट के विभिन्न मसलों को लेकर समन्वय बैठक
मुख्य सचिव का सेल के चेयरमैन व अन्य के साथ बैठक की तस्वीर

सेल जिन युवाओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित करता है, उन्हें रोजगार के अवसर मुहैय्या कराने पर भी फोकस करे. साथ ही स्थानीय समस्याओं का समाधान लोकल स्तर पर समन्वय बनाकर करने को कहा.

रांची: मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा है कि बोकारो स्टील प्लांट विभिन्न मसलों का समाधान समन्वय बनाकर करना होगा इसके लिए लगातार पारदर्शी संवाद कायम करें. इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों की भावनाओं का भी ख्याल रखना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्टील पॉलिसी के तहत सेल की विभिन्न इकाइयों में कई विकासात्मक कार्य हो रहे हैं. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बोकारो के लोग यह नहीं महसूस करें कि वे इसमें पीछे छूट रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि हम स्थानीय निवासियों की फीलिंग को समझें. उनके मनोविज्ञान को पढ़ें और मानवीय आधार पर सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि सेल जिन युवाओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित करता है, उन्हें रोजगार के अवसर मुहैय्या कराने पर भी फोकस करे. साथ ही स्थानीय समस्याओं का समाधान लोकल स्तर पर समन्वय बनाकर करने को कहा. वह सोमवार को सेल के चेयरमैन और उनकी टीम, संबंधित विभागों के सचिव और बोकारो जिला प्रशासन के साथ बोकारो स्टील सिटी के विविध मसलों को लेकर समन्वय बैठक में बोल रहीं थीं.

9 पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव

बैठक के दौरान विस्थापितों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. इस मसले का हल समन्वित प्रयास से करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए जवाबदेही के साथ आपसी विश्वास और सौहार्द विकसित करने पर बल दिया गया. मुख्य सचिव ने इसके लिए सक्षम समन्वित योजना और समयबद्ध समाधान की दिशा में आगे बढ़ने का निर्देश दिया. पुनर्वास से वंचित 20 गांवों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई. इस मामले में बोकारो के उपायुक्त अजय नाथ झा का कहना था कि जिला पंचायती राज विभाग ने चास ब्लॉक के 9 पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया है, ताकि वहां के निवासियों के कुछ मूलभूत अधिकार कायम हो सके, लेकिन सेल इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है. सेल के चेयरमैन श्री अमरेंद्र प्रकाश ने कहा कि हमारी मंशा  किसी को उजाड़ने की नहीं है. बोकारो स्टील सिटी का भविष्य में जिस अधिग्रहित जमीन पर विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है, उस जमीन पर प्रशासन सरकारी मकान बनाकर लोगों को बसाये. मुख्य सचिव ने बोकारो के उपायुक्त को इस पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया. 

756.94 एकड़ अप्रयुक्त वन भूमि के सीमांकन का निर्देश

बैठक के दौरान बोकारो स्टील सिटी द्वारा अप्रयुक्त 756.94 एकड़ वन भूमि को वन विभाग को लौटाने को लेकर भी चर्चा हुई. सेल उक्त भूमि को लौटाने की सहमति दे चुका है, लेकिन अभी तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सेल और वन विभाग पहले एक समन्वित टीम बनाकर उक्त जमीन का नक्शा बनायें, ताकि यह स्पष्ट हो जाये कि लौटानेवाली जमीन की सीमा क्या है. वन सचिव अबू बक्कर सिद्दीख ने प्रस्ताव दिया कि सीमांकन के बाद वन विभाग उसकी पिलरिंग कराने के लिए तैयार है, बशर्ते सेल उसके खर्च का भुगतान करे. सेल चेयरमैन ने पैसा देने की सहमति दी. वहीं अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल करिडोर में सामने आ रही समस्या का समाधान राजस्व सचिव के साथ समन्वय से करने का निर्देश दिया गया. मुख्य सचिव ने गरगा डैम की मरम्मति और वहां की खाली जमीन पर पर्यटन विकास का भी निर्देश दिया. 

बोकारो स्टील सिटी को टॉप टेन में लायें

बताते चलें कि सेल 13 शहरों में है. उसमें से तीन शहर टॉप टेन में हैं. मुख्य सचिव अलका तिवारी ने व्यवस्थित ढंग से बसे बोकारो स्टील सिटी को भी टॉप टेन में लाने का प्रयास करने को कहा. बोकारो उपायुक्त ने बैठक में इसे टॉप वन सिटी बनाने का खाका प्रस्तुत किया. सेल के चेयरमैन ने इसमें पूरा सहयोग देने की बात कही. उन्होंने कहा कि बोकारो में अतिक्रमण बड़ा मसला है. 1932 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है. इसी कारण समस्या है. उन्होंने कहा कि बोकारो को व्यवस्थित करने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. 20 हजार करोड़ से प्रस्तावित बोकारो स्टील सिटी के विस्तारीकरण के साथ आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी. सेल में एक व्यक्ति को नौकरी मिलेगी, तो सात स्थानीय बाहरी लोगों को भी रोजगार मिलेगा. इसके अतिरिक्त अन्य मसलों पर भी विस्तार से चर्चा हुई और उसके क्रियान्वयन के फैसले लिए गये.

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Edited By: Sujit Sinha
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सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।

'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।

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