सुपर 30 के आनंद कुमार के बाद विकिपिडिया पर मिलेगी बिहार के मैथेमैटिक्स गुरु के बारे में जानकारी

समृद्ध डेस्क, पटना: सुपर 30 के आनंद कुमार के बाद विकिपिडिया पर बिहार के एक और शिक्षक फेमस हैं। कोई सुपर 30 जैसे संस्थान को चलाकर गरीबो को इंजीनियर बनाने में जुटे हैं। वहीं कोई 1रू गुरू दक्षिणा लेकर, आनंद कुमार के बाद विकिपिडिया बिहार के मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव के बारे में जानकारी मिल रही है। आखिर कौन है ये दोनों शिक्षक जिनके जिन्हें विकिपिडिया पर ढूंढा जा रहा है।

बिहार के पटना जिले में रहने वाले शिक्षक आनंद कुमार का नाम न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के बीच चर्चित है. इनका ‘सुपर 30’ प्रोग्राम विश्व प्रसिद्ध है। इसके तहत वे आईआईटी-जेईई के लिए ऐसे 30 मेहनती छात्रों को चुनते हैं, जो बेहद गरीब परिवार से हों। 2018 तक उनके पढ़ाए 480 छात्रों में से 422 छात्र आईआईटियन बन चुके हैं। आनंद कुमार की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि डिस्कवरी चैनल भी उनपर डॉक्युमेंट्री बना चुका है। उन्हें विश्व प्रसिद्ध मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड युनिवर्सिटी से भी व्याख्यान का न्योता मिल चुका है। इतना हाी नहीं उनपर हाल ही में ऋतिक रौशन स्टारर “सुपर 30” नाम की फिल्म भी बन चुकी है.
मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं आरके श्रीवास्तव
आरके श्रीवास्तव देश में मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से भी जाने जाते हैं. खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है. ये कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं. अगर गिनती में बात करें तो अब तक आरके श्रीवास्तव जी 540 गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके हैं. इनके द्वारा नाइट क्लासेज अभियान भी चलाया जा रहा जो कि अद्भुत और अकल्पनीय है
क्या है “1 रुपए गुरु दक्षिणा ” प्रोग्राम
बिहार के रोहतास जिले के एक छोटे से गांव बिक्रमगंज के रहने वाले आरके श्रीवास्तव लाखो छात्रों के लिए रोल मॉडल हैं. इनके “1 रुपए गुरु दक्षिणा” वाले प्रोग्राम को बहुत से लोगों ने सराहा है. इस योजना के तहत आरके श्रीवास्तव आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को महज एक रुपए में पढ़ाते हैं. ताकि गरीब बच्चों को भी पढ़ने और अपने सपने सच करने का अवसर मिले.
सैकड़ों छात्र के सपनों को सच करने में आरके श्रीवास्तव का बड़ा योगदान
आर के श्रीवास्तव के सैकड़ों गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई करने का अवसर प्राप्त हुआ. कई ऐसे स्टू़डेंट्स भी हैं जो आज देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत हैं. जिन छात्रों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा उनके सपनों को सच कर दिखाने में आरके श्रीवास्तव का बड़ा योगदान रहा है.
शिक्षा पैसों की मोहताज नहीं
आजकल शिक्षा को पैसे पर बेचने वाले शिक्षकों के बीच बिहार के ये गुरुओं की जितनी तारीफ का जाए कम हैं. इन दोनों शिक्षकों के कारण गरीब बच्चों के सपने पूरे हुए हैं. ये दोनों शिक्षक देश के दूसरे शिक्षकों के लिए एक उदाहरण हैं. गरीब बच्चों के भी देख गए सपने पूरे हो सकते हैं और इन दोनों शिक्षकों ने न जाने कितने ऐसे सपनों को सच कर दिखाया हैं. ये बताया है कि शिक्षा पैसे की मोहताज नहीं है बल्कि वो अधिकार है जो प्रत्येक बच्चे को बराबर का मिलना चाहिए.