राज्य विकास से कोसो दूर हैः विजय कुमार सोनी
अमरेन्द्र सुमन

झारखण्ड के नागरिक रोजी-रोटी की तलाश में प्रतिवर्ष दूसरे-तीसरे राज्यों की ओर पलायन पर अब भी मजबूर देखे जा रहे हैं। शासन के नाम पर इस प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। स्वतंत्रता के साथ जीवन जीने का अधिकार लोगों से छिना जा रहा है। रोजी-रोजगार के नाम पर आम नागरिकों का विश्वास लूटा जा रहा है। लोकतंत्र सेनानी संघ, संताल परगना प्रमण्डल के प्रमण्डलीय संयोजक विजय कुमार सोनी व जिलाध्यक्ष रामचन्द्र दूबे ने संयुक्त प्रेसवार्ता आयोजित कर उपरोक्त बातें कही।
प्रदेश की विधायिका व कार्यपालिका आम जनता को लूटने में लगी
लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रमण्डलीय संयोजक विजय कुमार सोनी ने कहा कि झारखण्ड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद झारखण्ड के मतदाता एक नयी सरकार के लिये अपने अपने क्षेत्रों से जन प्रतिनिधियों को चुनेंगे। पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में इस राज्य के मतदाताओं ने वर्तमान सरकार के रवैये को खूब देखा और परखा है। जनता को गूमराह कर वोट लेने वालों की वास्तविकताओं से मतदाता भली-भांति परिचित हो चुके हैं। स्थितियाँ पानी की तरह बिल्कुल साफ हो चुकी है। लोकतंत्र के इस महासमर में इस राज्य की जनता पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में सत्ता पर बैठे लोगों के झूठे वायदों का हिसाब लेगी और पूछेगी कि दम तोड़ रही व्यवस्था में सरकार ने आम नागरिकों जीविकोपार्जन के लिये कौन-कौन से और कितने वायदों को धरातल पर उतारा। लोकतंत्र सेनानी संघ, संताल परगना प्रमण्डल के प्रमण्डलीय संयोजक विजय कुमार सोनी ने कहा कि तत्कालीन व्यवस्था से नाराज होकर युवाओं का नेतृत्व करने वाले जेपी ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था।
उनके आह्वान पर सत्ता में बैठे तत्कालीन सरकार सत्ता से बेदखल हो गयी थी। वर्तमान समय उसकी पुनरावृत्ति का है। श्री सोनी ने कहा कि एक साजिश के तहत इस प्रदेश की विधायिका व कार्यपालिका आम जनता को लूटने में लगी है। भ्रष्टाचार चरम पर है।
पूर्ण बहुमत के साथ केन्द्र व राज्य में सत्ता पर काबिज वर्तमान सरकारों ने देश व राज्य को पूर्णरुप से प्राईवेटाइजेशन पर लाकर खड़ा कर दिया है। प्राईवेट स्कूलों से लेकर प्राईवेट चिकित्सा के नाम पर आम आदमी का शोषण हो रहा है। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, कृषि व उ़द्योग-धंधे किसी भी राज्य की आर्थिक व्यवस्था का मेरुदंड होता है। लेकिन केन्द्र व राज्य की वर्तमान सरकार ने आम नागरिकों की भावना से खिलवाड़ करते हुए उन्हें लूट जाने पर विवश कर दिया है। इस देश में विपक्षियों की जुबान भी बंद हो चुकी है। विरोध का स्वर पूर्णरुपेण खत्म हो चुका है। सत्तापक्ष की मनमानी के विरुद्ध विरोधी पार्टियां मुखर नहीं रहीं। जिस देश अथवा राज्य में विरोधी पार्टी नाम की चीज न हो, उस देश अथवा राज्य में शासन पूरी तरह निरंकुश हो जाता है।
मताधिकार का प्रयोग करना होगा
आने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी गंभीरता के साथ मतदाताओं/ आम नागरिकों को अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग करना होगा ताकि दूरदृष्टि वाली सरकार बन सके तथा राज्य को विकास की ओर ले जा सके।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का खात्मा, आतंकवाद, सर्जिकल व एयर स्ट्राईक से देश की जनता का भला होनेवाला नहीं है। रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा व उद्योग-धंधों की स्थापना तथा रोजगार का सृजन ही देश व राज्य की जनता को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकता है।
