बैजनाथ धाम में दर्शन हेतु निर्धारित नियमों के खिलाफ प्रदर्शन, पुरोहित द्वारा आत्मदाह का प्रयास
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देवघर : कोरोना संक्रमण (Corona Transition) को ध्यान में रखते हुए 24 मार्च 2020 से पीएम मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया गया था. जिसके अंतर्गत देश के सारे कार्यों में रोक लगा दी गई थी. वहीं देश में लगी पाबंदी में धार्मिक स्थल भी शामिल थे.मगर “जान भी और जहान भी” को ध्यान में रखते हुए देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई. जिसके अंतर्गत अनलॉक के हर स्टेप पर रियायतों के साथ देश खोला गया.
वही अनलॉक 5.0 के अंतर्गत धार्मिक स्थलों को नियमों के साथ खोलने का निर्देश जारी किया गया. जिसमें बाबा बैजनाथ धाम को खोलने की भी इजाजत दी गई. बैजनाथ धाम (Baijnath Dham) में दर्शन के लिए भक्तों को ई-पास के जरिए दर्शन करने की अनुमति थी. साथ ही स्पर्श किए बिना पूजा की इजाजत दी गई थी. मगर सीमित भक्तों को दर्शन और स्पर्श पूजा की अनुमति नहीं दिए जाने का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.
नियमों के खिलाफ की गई नारेबाजी
दर्शन हेतु निर्धारित नियमों के खिलाफ बीते शाम शुक्रवार को लोगों का आक्रोश भड़क उठा. कारणवश मंदिर के गेट के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और नियमों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. वहीं इस दौरान वीआईपी गेट (VIP Gate) के पास एक पुरोहित ने गुस्से में आत्मदाह का प्रयास किया.
पुरोहित का बयान
पुरोहित का कहना है कि सीमित भक्तों को दर्शन दिए जाने के कारणवश अधिक श्रद्धालुओं का आगमन नहीं हो रहा है. जिसके कारण भूख से मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. उन्होंने कहा कि साज़िश के तहत मंदिर को बंद रखा जा रहा है. जबकि सरकार की तरफ से कोई आर्थिक पैकेज अनाज भी नहीं दिया जा रहा है जिससे मरने की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि, पुरोहित को आत्मदाह करने से पुलिस ने रोक लिया. लेकिन वहां मौजूद अन्य श्रद्धालु भी भड़क उठे. जबकि दर्शन करने आए कुछ युवकों पर भक्तों को गेट पर ही रोक दिया गया.
घंटे भर नियमों के खिलाफ प्रदर्शन होता रहा. कुछ श्रद्धालुओं द्वारा नारेबाजी भी चलती रही. स्थिति को हाथ से निकलती हुई देख पुलिसकर्मी भी नरम पड़ गए. वही सभी भक्तों को परिसर में जाने की अनुमति दे दी. लेकिन कपाट बंद होने के कारण दर्शन व पूजन नहीं किया जा सका.
Edited By: Samridh Jharkhand
