ऑपरेशन सिन्दूर: ब्रह्मोस मिसाइल और स्वदेशी हथियारों से पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने हुआ था तबाह, भारत का रक्षा क्षेत्र आर्काइव आर्काइव
स्वदेशी भारतीयों की सेना से भारत दुनिया का अभिन्न रक्षा गुट बन रहा है, ब्रह्मोस और आकाश सिस्टम की मांग बढ़िया: डीआरडीओ प्रमुख
मुंबई: अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष समीर कामत ने कहा कि "ऑपरेशन सिन्दूर" भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी हथियार प्रौद्योगिकी के विकास का ऐतिहासिक प्रदर्शन है।

हाइलाइट्स
- ऑपरेशन सिन्दूर में ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश सिस्टम और एआई-संचालन तकनीक का सशक्त प्रदर्शन।
- डीआरडीओ: अगले 2-3 वर्षों में रक्षा गठबंधन तक 50,000 करोड़ रुपये।
- इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों में भारतीय अर्थव्यवस्था की बहुतायत मांग।
ऑपरेशन सिन्दूर में स्वदेशी ताकतें
7 मई 2025 को इस बड़े सैन्य हमले में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में कई आतंकवादी शिविरों में तोड़फोड़ की गई। इसमें प्रयुक्त प्रमुख हथियार एवं प्रौद्योगिकी:
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल: सुखोई Su-30MKI से लॉन्च, मुख्य आक्रामक हथियार।
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आकाश की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल: वायु रक्षा आयुक्त।
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D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम और AI आधारित आकाशीयर सिस्टम: खतरे की तत्काल पहचान और जवाबी कार्रवाई।
इसके अलावा, फ्रेंच स्टैम्प मिसाइल , इजरायली लोइटरिंग म्यूनिशियन और भारतीय इंजीलेशन का संयुक्त उपयोग भारत की टेक्निकल बिट्स में शामिल है।
रक्षा क्षेत्र में नए परमाणु
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2024-25 में भारत का रक्षा दल ₹23,622 करोड़ का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।
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डीड्राओ प्रमुख अगले 2-3 वर्षों में डबल्स में ₹50,000 करोड़ तक पहुंच सकते हैं।
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हाल ही में फिलिप्पी को ब्रह्मोस मिसाइल की उड़ान और आर्मेनिया को आकाश वायु रक्षा प्रणाली प्रदान की गई।
वैश्विक बाजार में ब्रह्मोस की मांग
दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के कई देशों में भारत से ब्रह्मोस और अन्य हथियार प्रणालियों की रुचि दिखाई दे रही है।
इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, वियतनाम और दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ बातचीत जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि "ऑपरेशन ब्रह्मसिंदूरोस के लिए सबसे प्रभावशाली एजेंट पिच साबित हुआ है।"
भारत की रक्षा क्षमता का ढांचा बढ़ाया गया
समीर कामत ने बताया कि आज भारत की रक्षा क्षमता भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष, साइबरस्पेस और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम तक डाउनलोड है, जो आधुनिक युद्ध के टुकड़े के टुकड़े हैं।
“ऑपरेशन सिन्दूर ने दुनिया को दिखाया कि भारत केवल अपनी सीमा तक ही सीमित रह सकता है, बल्कि रक्षा टेक्नोलॉजी ग्लोबल सप्लायर भी बन सकता है।”
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
