सीएए-एनआरसी भारत का आंतरिक मामला, लेकिन इसकी जरूरत नहीं थी : शेख हसीना

दुबई : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजन को उसका आंतरिक मामला बताया है. गल्फ न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हालांकि इस कानून की जरूरत नहीं थी. नए नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के धार्मिक प्रताड़ना के वैसे शिकार वहां के अल्पसंख्यक लोग जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हैं उन्हें नागरिकता दी जा सकेगी.

Gulf News: Bangladesh has always maintained that the CAA and NRC are internal matters of India- Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina (file pic) pic.twitter.com/xOESE3L61J
— ANI (@ANI) January 19, 2020
शेख हसीना ने अपने साक्षात्कार में कहा कि हम नहीं समझ रहे हैं कि क्यों ऐसा किया, यह जरूरी नहीं था. उनका यह बयान बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएए-एनआरसी भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन यह चिंता जाहिर की कि वहां किसी तरह की अनिश्चितता का पड़ोस पर असर होगा.
अखबार ने लिखा है कि बांग्लादेश की 16.1 करोड़ की आबादी में 10.7 प्रतिशत हिंदू व 0.6 प्रतिशत बौद्ध हैं और उन्होंने धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत जाने से इनकार किया है. हसीना ने यह भी कहा कि भारत से पलट कर कोई प्रवासी नहीं आ रहे, हां भारत के अंदर लोग कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.