सिएरा लियोन की तर्ज़ पर भारत को भी करना चाहिए हीट ऑफिसर की नियुक्ति

सिएरा लियोन की तर्ज़ पर भारत को भी करना चाहिए हीट ऑफिसर की नियुक्ति

पूरी दुनिया फिलहाल जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रही है। ऐसे में तमाम देशों के लिए इसके प्रभावों को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाना ज़रूरी होता जा रहा है। इस दिशा में अफ्रीकी देश सिएरा लियोन से एक बेहद सकारात्मक खबर आ रही है।

दरअसल सिएरा लियोन ने एक हीट ऑफिसर की नियुक्ति कर दी है। और इसी के साथ यूजेनिया कारगबो इस पद को धारण करने वाली अफ्रीका की पहले अधिकारी बन गयी हैं। हीट ऑफिसर की नियुक्ति भारत, जो कि कुल मात्रा के लिहाज़ से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस उत्सर्जक है, के लिए बहुत ख़ास और सीखने का एक मौका बन कर आती है।

ध्यान रहे, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने अल नीनो की वापसी की भविष्यवाणी की है। इसके चलते प्रशांत महासागर की गर्मी बढ़ेगी और परिणामस्वरूप दुनिया भर में चरम मौसम की घटनाएं बढ़ेंगी। भारत पहले भी अल नीनो के प्रभाव से पीड़ित रहा है। ऐसे में अल नीनो की वापसी की संभावना भारत के लिए इसके प्रभावों को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाना महत्वपूर्ण बनाती है। सीधे तौर पर कहा जाए तो भारत के लिए बेहद प्रासंगिक है किसी हीट ऑफिसर की नियुक्ति।

इस अधिकारी का काम होगा भारत की जनता पर जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक गर्मी के प्रभावों पर डेटा एकत्र कर उसका विश्लेषण करना और उचित कार्यवाही करने के लिए इस जानकारी को नीति निर्माताओं और जनता के साथ साझा करना। इस अधिकारी की प्राथमिकता होगी हीटवेव या वैसी चरम मौसम घटनाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करना और इन घटनाओं के खतरों के बारे में जन जागरूकता फैलाने में मदद करना।

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अफ्रीका में, वहाँ की चीफ हीट ऑफिसर यूजेनिया कारगबो के एजेंडे में हीटवेव अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करना, हीट-रेजिलिएंट बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर डिजाइन करना, अत्यधिक गर्मी के खतरों के बारे में जन जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देना, गर्मी से संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना और तापमान को कम रखने के टिकाऊ उपाय विकास करना शामिल है। भारत कारगबो के एजेंडे से सीख सकता है और इसे अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार अनुकूलित कर सकता है।

यहाँ हमें नहीं भूलना चाहिए कि भारत के तेजी से बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या के कारण गर्मी प्रतिरोधी इमारतों और बुनियादी ढांचे को डिजाइन करना महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसा करने से देश भीषण हीट वेव्स से निपटने में कुछ हद तक सक्षम हो सकता है। टिकाऊ कूलिंग समाधान विकसित करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भारत दुनिया के सबसे बड़े एयर कंडीशनिंग बाजारों में से एक है।

एल नीनो की संभावित वापसी, तेजी से शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या के साथ, भारत को जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक गर्मी के प्रभावों को कम करने के लिए सक्रिय उपाय करने की आवश्यकता है। ऐसे में हीट या क्लाइमेट ऑफिसर नियुक्त करने से भारत को काफी फायदा हो सकता है।

Edited By: Samridh Jharkhand

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