पश्चिम बंगाल : हाइकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन मनरेगा मजदूरों के बकाया का करेगा आकलन
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सात जिलों ने मनरेगा मजदूरों की बकाया मजदूरी के आकलन का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पांच जून से 15 जून तक अलग-अलग जिलों में श्रमिकों को उनके मामले की सुनवाई के लिए अलग-अलग दिन बुलाया जाएगा। जिला प्रशासन ने यह पहल कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले के आधार पर किया है।
इस मामले को लेकर हाइकोर्ट में अपील दायर करने वाले पश्चिम बंगाल खेत मजदूर संघ ने जिला प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है। पीबीकेएमएस ने कहा है कि सात जिलाधिकारियों के इस कदम से उच्च न्यायालय के फैसले के सम्मान की उम्मीद है, हालांकि संघ इस बात को लेकर चिंतित है कि मजदूरों की समस्याओं का समाधान किस हद तक होगा। पूर्व में पुरुलिया और नादिया के जिला प्रशासन ने मजदूरों के बकाया वेतन की बात को स्वीकार किया था। पर, तब जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया था कि जबतक केंद्र से पैसा नहीं आता, वे कुछ नहीं कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों के मनरेगा श्रमिकों ने दिल्ली में बकाया मजदूरी, मनरेगा के घटते बजट सहित कई दूसरी मांगों को लेकर लंबा आंदोलन किया है।