Ranchi news: रिम्स के सीटीवीएस विभाग ने ल्यूटेमबैकर सिंड्रोम का किया सफल ऑपरेशन
यह बीमारी एक लाख लोगों में एक को होती है।

आयुष्मान योजना के तहत रिम्स की अमृत फार्मेसी से ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आवश्यक सामग्री मंगवाई गयी और सोमवार को सफलतापूर्वक ओपन हार्ट सर्जरी करके उनके माइट्रल वाल्व को बदल दिया गया, दिल का सुराग भी बंद कर दिया गया और त्रिकपर्दी वाल्व को रिपेयर करके ठीक किया गया।
रांची: रिम्स के सीटीवीएस (CTVS) विभाग में ल्यूटेमबैकर सिंड्रोम (जन्मजात आलिंद सेप्टल दोष और अधिग्रहित वाल्वुलर हृदय रोग माइट्रल स्टेनोसिस का संयोजन) का सफल ऑपरेशन किया गया। बोकारो की इस मरीज़ को पिछले कुछ दिनों से साँस फूलने और धड़कन तेज होने की समस्या हो रही थी। इकोकार्डियोग्राफी व कोरोनरी एंजियोग्राम करने पर ल्यूटेमबैकर सिंड्रोम का पता चला। ल्यूटेमबैकर सिंड्रोम एक गंभीर और जानलेवा दिल की बीमारी है। यह बीमारी एक लाख लोगों में एक को होती है। इसमें दिल में छेद के साथ-साथ दिल का Mitral वाल्व खराब हो जाता है।

आयुष्मान योजना के तहत रिम्स की अमृत फार्मेसी से ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आवश्यक सामग्री मंगवाई गयी और सोमवार को सफलतापूर्वक ओपन हार्ट सर्जरी करके उनके माइट्रल वाल्व को बदल दिया गया, दिल का सुराग भी बंद कर दिया गया और त्रिकपर्दी वाल्व को रिपेयर करके ठीक किया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज़ की स्थिति में सुधार है। यह सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत पूरी तरह नि:शुल्क किया गया।
सीटीवीएस टीम का नेतृत्व डॉ. राकेश चौधरी ने किया। सर्जरी टीम में सीटीवीएस टीम से डॉ प्रेम, डॉ उमा, डॉ विनीत एवं डॉ स्वीटी, निश्चेतना विभाग से प्रो (डॉ) शिव प्रिये, डॉ. नितीश कुमार और रेजिडेंट डॉ तौसिफ, डॉ शिल्पी शामिल थीं। साथ ही इंचार्ज सिस्टर सुनीता, प्रिसिला, रीना, ओटी असिस्टेंट राजेंद्र और खुशबू, अमित, फ्लोर स्टाफ प्रीति व सूरज मरीज की देखभाल में मुख्य भूमिका निभाई|