झारखंड के सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट खोलने की तैयारी
रांची : झारखंड में मानव तस्करी के अत्यधिक मामलों के मद्देनजर सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट खोलने की तैयारी है। इसका उद्देश्य बच्चियों, महिलाओं व नाबालिगों की तस्करी को रोकना है। झारखंड में फिलहाल 12 जिलों के अलग-अलग थाने में मानव तस्करी निरोधी यूनिट कार्यरत है, जो राज्य के रांची, खूंटी, सिमडेगा, पलामू, गुमला, पश्चिम सिंहभूम, दुमका, लातेहार, गोड्डा, साहिबगंज व गिरिडीह जिले में हैं।

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में सिर्फ मानव तस्करी से जुड़े मामले दर्ज किए जाएंगे और मानव तस्करी के शिकार बच्चों व महिलाओं का डेटा बेस तैयार होगा, ताकि इसे रोकने के लिए सघन अभियान चलाने में मदद मिले।
ऐसी यूनिट की जिम्मेवारी होगी कि वह तस्करी के शिकार लोगों की सकुशल घर वापसी कराए। झारखंड में मानव तस्करी के अध्यधिक मामले सामने आते रहे हैं। खास कर किशोर युवतियों का घरेलू नौकरानी या फिर शादी की नीयत से तस्करी की जाती है। उन्हें व उनके परिवार को इसके लिए पहले प्रलोभन दिया जाता है।
झारखंड सरकार ने हमेशा मानव तस्करी को रोकने के दिशा में प्रयास किया है, लेकिन तस्करों के नेटवर्क गांव तक फैले होने और उसे स्थानीय दलालों का समर्थन हासिल होने से इसमें अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल सकी है।
13 तिसंबर 2021 को यूनिसेफ झारखंड ने मानव तस्करी पर वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया था, जिसमें राज्य में इसके स्वरूप पर विस्तृत चर्चा की गयी और इसको रोकने के उपायों पर बात की गयी। एक अध्ययन के अनुसार, चार में एक बच्चे इसके शिकार होते हैं और कमजोर वर्ग इसका आसान शिकार होता है, लेकिन सभी इसके निशाने पर होते हैं।
संबंधित खबर पढें :
