परिसीमन के नाम पर आऱक्षित सीटों की संख्या अगर घटाई गई तो सही नहीं होगा: सुप्रियो
सुप्रियो बोले- भाजपा को नहीं भाते हैं आदिवासी और हरिजन
सुप्रियो ने कहा, आज से संसद का सत्र भी शुरू हो गया है. इसमें भी झारखंड की आरक्षित सीटों पर बात हो सकती है. संबंधित अधिकारियों को तय करना होगा कि परिसीमन के नाम पर आऱक्षित सीटों की संख्या अगर घटाई गई तो, ये सही नहीं होगा.
रांची: 28 नवंबर को झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन कर लिया जायेगा. जिसके बाद सरकार किये गये वादों एवं जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में लग जायेगी. उक्त बातें झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा, बीजेपी के नेता जनता से मिले जनादेश और इंडिया गठबंधन की जीत को पचा नहीं पा रहे हैं. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने यहां के आदिवासियों औऱ मूलवासियों पर जो अपना नेतृत्व थोपा था, उनको भी ये जनादेश हजम नहीं हो रहा है.
सुप्रियो ने कहा, परिणाम के बाद भी बीजेपी के नेताओं के मुंह से जो घृणा की भाषा निकल रही है, वो चिंताजनक है. हम शुरू से शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव और मुद्दों पर चुनाव की बात करते रहे हैं. जिन क्षेत्रों में विष फैलाया गया था, जिन क्षेत्रों में जहर फैलाया गया था, उन इलाकों से भी उनका सुपड़ा साफ हो गया. पूरे संथाल की 18 सीटों में से सिर्फ एक सीट उनको मिली है.
सुप्रियो ने कहा कि 2025 में जनगणना होने की संभावना है. इसके बाद परिसीमन भी होगी. हमलोगों ने पहले भी ये आशंका जाहिर की है कि जो यहां की आऱक्षित सीटें है, आदिवासी और हरिजन के लिए, उन पर इनका प्रहार होने जा रहा है क्योंकि इन इलाकों के आदिवासी और हरिजन इनको भाते नहीं हैं. इनको न दलित भाता है, न आदिवासी भाता है, न अल्पसंख्यक इनको भाता है और न युवा वर्ग को ये लोग पसंद करते हैं. इनको किसान और महिलाएं भी नहीं भाती हैं. आज से संसद का सत्र भी शुरू हो गया है. इसमें भी झारखंड की आरक्षित सीटों पर बात हो सकती है. संबंधित अधिकारियों को तय करना होगा कि परिसीमन के नाम पर आऱक्षित सीटों की संख्या अगर घटाई गई तो, ये सही नहीं होगा.