नियोजन नीति पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी हेमंत सरकार
रांची: नियोजन नीति (Planning policy) को लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी. आपको बता दें कि बीते दिनों ही झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने नियोजन नीति के तहत 13 अनुसूची जिले में तृतीय और चौथ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति को असंवैधानिक (Unconstitutional) बताते हुए रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट की फैसले को हेमंत सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. इस बात की इजाजत सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने दे दी है.

झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने भी नियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी कर दिया. इसी बीच 13 जिलों के शिक्षकों ने हाईकोर्ट के आदेश की चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश स्टे लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए 4 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
सोनी कुमारी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका (filed petition) में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में एक नियोजन नीति बनाई है. इसमें अनुसूचित जिले में तृतीय चौथे वर्ग की नौकरी स्थाई निवासियों के लिए रखा है. अन्य जिलों के लोगों ने इन जिलों में नौकरी आवेदन देने योग्य नहीं है. सोनी कुमारी ने सरकार के इस निर्णय को असंवैधानिक करार देने का आग्रह हाईकोर्ट से किया था .
