सीआरपीएफ ने शौर्य दिवस पर शहीदों को किया नमन
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उनके परिजनों को किया गया सम्मानित
रांची : झारखंड सेक्टर सीआरपीएफ 133 बटालियन द्वारा भव्य रूप से शौर्य दिवस समारोह मनाया गया। इस अवसर पर संजय आनंद लाठकर, पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड सेक्टर, सीआरपीएफ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
शौर्य दिवस के इस अवसर पर सर्वप्रथम शहीदों को नमन किया गया एवं उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। इसके पश्चात वीरता पदक से अलंकरित अधिकारियों/कार्मिकों को सम्मानित किया गया। तत्पश्चात पिछले एक वर्ष में झारखंड में तैनाती के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाले सीआरपीएफ के 03 कार्मिकों को पराक्रम पदक, 38 अधिकारियों एवं कार्मिकों को महानिदेशक सीआरपीएफ के प्रशंसा डिस्क एवं प्रशंसा पत्र तथा 47 अधिकारियों एवं कार्मिको को महानिदेशक सीआरपीएफ एवं 02 कार्मिको को पुलिस महानिरीक्षक के प्रशंसा पत्र से नवाजा गया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बताया कि झारखंड सेक्टर के गठन से अब तक के 11 साल की अल्प अवधि में 179 माओवादियों को मार गिराया गया है । इस अवधि में 111 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया एवं 1888 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है । इसके अतिरिक्त 326 नियमित हथियार, 1333 देसी हथियार, 52514 गोला-बारूद, 3254 आईईडी तथा 25000 किलोग्राम से भी अधिक विस्फोटक सामग्री जप्त की गयी। झारखंड सेक्टर सीआरपीएफ के जवानों को उनकी बहादुरी के लिए अभी तक 05 शौर्य चक्र, 193 पीपीएमजी-पीएमजी, 100 पराक्रम पदक एवं 1126 महानिदेशक के प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हुए हैं ।
देश की सेवा करते हुए अब तक इस महान बल के झारखंड राज्य के 55 जवान सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों जवानों ने अपनी शहादत दी । नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के अतिरिक्त सेक्टर द्वारा शहीदों के परिवारों के लिए कई कल्याणकारी योजनायें चलाई जा रही हैं। इसके अलावा राज्य में आम जनता के लिए विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी कार्य किया गया जिसमें राज्य के सभी जिलों में पौधों का रोपण, अधिकारियों एवं कार्मिकों का स्वेच्छा से अंगदान करने का शपथ, झारखंड सेक्टर के प्रयास से सीआरपीएफ में शहीदों के परिवारों को राँची के प्रतिष्ठित औधोगिक प्रतिष्ठानों एवं अस्पतालों द्वारा गोद लिया जाना, शहीदों के सम्मान में एवं उनसे प्रेरणा लेने हेतु उनके गाँव अथवा स्कूल में अर्धाकृत प्रतिमाओं का अनावरण, 2400 यूनिट से अधिक रक्तदान, सुदुर ग्रामीण इलाकों में पुस्तकालय तथा सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत कौशल विकास योजना का क्रियान्वयन एवं ढांचागत सुविधाओं का निर्माण तथा आजीविका एवं स्वरोजगार हेतु बेरोजगार युवाओं के लिए विभिन्न वोकेशनल प्रशिक्षण चलना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा जमशेदपुर स्थित प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान एक्सएलआरआई के एनजीओ सीडस को लगभग 10000 कपड़े जरूरतमंद लोगों को बाँटने के लिए उपलब्ध कराया गया।
साथ ही मुख्य अतिथि महोदय ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि आंतकवादियों तथा नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर किये जा रहे हमले चाहे वह पुलवामा हमला हो या नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व मे किया गया हमला हो इस प्रकार की घटना भी हमारे बल के अधिकारियों एवं जवानों का मनोबल तोड़ नही सकती है हमारे बल के जवानों का मनोबल हमेशा ऊचाॅ रहता है और वह हर परिस्थितियों का सामना बड़ी बहादुरी से करने में सक्षम है।
स्मरण हो कि शौर्य दिवस सीआरपीएफ के एक महान वीर गाथा से जुड़ा आयोजन है । इसी दिन सन् 1965 मे सीआरपीएफ के द्वितीय बटालियन की चार कंपनियों द्वारा सरदार एवं टाँक पोस्ट जो कि रन ऑफ कच्छ (गुजरात) में पश्चिमी पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है, की सुरक्षा हेतु तैनात थी। 8- 9 अप्रैल की मध्यरात्रि में लगभग 03. 30 बजे पाकिस्तान की इन्फेंट्री ब्रिगेड ने सरदार एवं टाँक की भारतीय सीमा पोस्ट पर आक्रमण कर दिया ।
के.रि.पु.बल के जवानों की छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी ब्रिगेड का डटकर व वीरता से मुकाबला किया । इस आक्रमण में 34 पाकिस्तानी फौजी मारे गए तथा 4 को के.रि.पु.बल द्वारा जीवित पकड़ा गया साथ ही के.रि.पु.बल, के 8 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। के.रि.पु.बल, के जवानों के अदम्य साहस व वीरता ने पाकिस्तानी इन्फेंट्री ब्रिगेड को 13 घंटे तक ना सिर्फ आगे बढ़ने से रोके रखा अपितु उन्हें पीछे हटने पर विवश कर दिया जो कि सेना युद्ध के इतिहास में अनुपम कौशल वह अद्वितीय बहादुरी की एक बेजोड़ मिसाल है जिसमें अर्धसैनिक बल की एक छोटी सी टुकड़ी ने पूरी इन्फेंट्री ब्रिगेड को युद्ध से खदेड़ दिया । उसी दिन से संपूर्ण भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को “शौर्य दिवस” के रूप में मनाया जाता है ।
शौर्य दिवस के इस अवसर के महत्ता एवं उपयोगिता को समझते हुए एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। जिसमे स्कूली बच्चों के ज्ञानार्जन हेतु सीआरपीएफ के हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा आज के आयोजन में केनाइन शो, ड्रोन शो एवं बैंड शो भी दिखाया गया, जो कार्यक्रम के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा। कार्यक्रम के अंत में सीआरपीएफ के राष्ट्र सेवा में 80 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में सीआरपीएफ अधिकारियों एवं जवानों द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन कर 80 यूनिट रक्तदान किया गया साथ ही इस अवसर पर स्कूली बच्चों के बीच वाद-विवाद, निबंध एवं चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन करते हुए बच्चों को इस अवसर का महत्व बताया गया।
इस आयोजन में मुख्य अतिथि महोदय के अलावा सीआरपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश प्रसाद सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक, डी.एस. राठौर, पुलिस उपमहानिरीक्षक, मनीष सच्चर पुलिस उपमहानिरीक्षक, अमित तनेजा पुलिस उपमहानिरीक्षक, श्री राम सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक, डी टी बनर्जी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, डॉ. ए. सरकार, पुलिस उप महानिरीक्षक, ब्रजेश कुमार, कमांडेंट 94 बटालियन, सुरेन्द्र कुमार, कमांडेंट 209 कोबरा बटालियन एवं संजय कुमार सिंह, कमांडेंट, 133 बटालियन सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।
Edited By: Samridh Jharkhand