पाकुड़ के छात्रों के पिटाई के विरुद्ध हिजला में कुल्ही दुरूह, सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग
हेमंत सोरेन सरकार को आदिवासी समाज के लोगों ने दी चेतावनी


अखड़ा और ग्रामीणों ने आदिवासी छात्रों को बर्बरतापूर्ण पिटाई का घोर निंदा की। अखड़ा और ग्रामीणों ने पाकुड़ पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी छात्र कोई आंतकवादी या माओवादी नहीं हैं, जो मध्य रात्रि को इस तरह का बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की गयी। पुलिस द्वारा सिर्फ हाथ पैर में ही नहीं मारा गया बल्कि छात्रों का सिर को भी निशाना बना कर पीटा गया, जो बहुत ही खेद का विषय है।
अखड़ा और ग्रामीणों ने हेमंत सोरेन सरकार से मांग की है कि घायल छात्रों को दो-दो लाख रुपया कर मुआवजा दिया जाये और दोषी पुलिस कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जाये। अखड़ा और ग्रामीणों ने कहा यह अबुवा दिसोम अबुवा राज प्रतीत नहीं हो रहा, क्योंकि वर्तमान में आदिवासियों पर अत्यचार और शोषण बढ़े हैं। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए अखड़ा और ग्रामीणों ने सरकार को चेताया कि राज्य में आदिवासियों का शोषण और उन पर अत्यचार कम हो नहीं तो मजबूरन अखड़ा और आदिवासी समाज सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। इस मौके पर देवी सोरेन, रुबिलाल हांसदा, अर्जुन हांसदा, सुनिलाल हेम्ब्रम, सनत हांसदा, प्रिंस मरांडी, बुदिलाल मरांडी, छोटो किस्कु, पौलुस हांसदा, कदरा टुडू, रामेश्वर हांसदा, सुशील हांसदा आदि उपस्थित थे।