देवघर- द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करने से मनोवांछित फल की होती है प्राप्ति
देवघर। श्रावणी मेला की दूसरी सोमवारी पर बाबा नगरी में आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। देर रात से ही भक्त कतार में लगकर अपनी बारी का इन्तजार करते देखे गये। क्षद्धालुओं के पहुंचने की संख्या से अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग तीन से चार लाख कांवरिया जलार्पण करेंगे। बता दें कि दूसरी सोमवारी की भीड़ से निपटने के लिए दो दिनों पूर्व से ही जिला प्रशासन की तैयारियां चल रही है। आज की भक्तों का हुजूम नंदन पहाड़ को पार करते हुए फिल्टरेशन प्लांट को भी पार कर कुमैठा पहुंच गयी है। कतार की लम्बाई 20 किलोमीटर लंबी हो गयी है। वहीँ सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती है।

विद्वानों की माने तो सोम चन्द्रमा को कहते हैं और चन्द्रमा के ईश्वर देवादिदेव महादेव हैं। इनके सर पर भी चन्द्रमा बिराजमान है। लिहाजा सोमवारी काफी फलदाई होता है। इसी वजह से शिव को सोमेश्वर कहते हैं। दूसरी तरफ सोमवार ही को ही लिंग का अविर्भाव हुआ था। कथाओं में यह भी वर्णित है की गंगा का पृथ्वी पर पदार्पण भी सावन की सोमवारी को ही हुआ था। इसी वजह से सोमवारी को उत्तम दिन माना जाता है। जानकारों के अनुसार यही कारण है कि आज के दिन पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
