मनमोहन सिंह के लिए यूपी था विशेषः यहां भी सात दिन का राजकीय शोक

जब मुलायम सिंह ने बचा ली थी मनमोहन सरकार

मनमोहन सिंह के लिए यूपी था विशेषः यहां भी सात दिन का राजकीय शोक
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री के तौर मनमोहन सिंह का यूपी से लगाव भी छिपा हुआ नहीं हैं. पीएम रहते मनमोहन सिंह  ने कई बार यूपी की यात्राएं कीं. डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में सितंबर 2013 में यूपी के मुजफ्फरनगर की यात्रा की

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश में भी सात दिनों के लिए राजकीय शोक की घोषणा की गई है. जो कि 26 दिसंबर से प्रारंभ होकर एक जनवरी तक चलेगा. इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और राज्य सरकार की ओर से किसी मनोरंजक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा. प्रधानमंत्री के तौर मनमोहन सिंह का यूपी से लगाव भी छिपा हुआ नहीं हैं. पीएम रहते मनमोहन सिंह  ने कई बार यूपी की यात्राएं कीं. डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में सितंबर 2013 में यूपी के मुजफ्फरनगर की यात्रा की. जहां पर भीषण दंगे हुए थे. साल 2008 में वह जुलाई महीने में दो बार यूपी की यात्रा की. तीन सितंबर 2005 को प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने राजधानी लखनऊ की यात्रा की. इसके अलावा अलग अलग मौकों पर उन्होंने नोएडा, पीलीभीत, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद समेत कई राज्य के कई शहरों के विभिन्न आयोजनों में शिरकत की.

 बात जब भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की होती है तो उनका यूपी की राजनीति से जुड़ा एक प्रसंग भी याद किया जाता है. बात वर्ष 2008 की है जब तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री  मुलायम ने मनमोहन सिंह के लिये अचानक अपना रुख बदला था जिससे मनमोहन सरकार बच गई थी. दरअसल, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार भारत अमेरिका न्यूक्लियर डील के सवाल पर डगमगाने लगी थी. तब लोकसभा सांसदों के संख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी समाजवादी पार्टी ने मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल वाली सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. साल 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार को वामपंथी दलों का जरूरी समर्थन हासिल था. पर वामपंथी अमेरिका के साथ इस समझौते के सख्त खिलाफ थे. इसके बावजूद मनमोहन सिंह भारत अमेरिका के बीच न्यूक्लियर समझौते पर आगे बढ़ चुके थे और वह पीछे हटने को तैयार नहीं थे. वामपंथी दलों ने इस समझौते के विरोध में समर्थन वापस ले लिया. तब इस सरकार के शुभ चिंतकों की निगाह यूपी व उसके सबसे बड़े दल सपा पर टिक गई. मुलायम तब वामपंथी दलों के साथ थे. लेकिन उस वक्त सपा के महासचिव अमर सिंह का मुलायम सिंह पर खास असर दिखता था.

बताया जाता है इसी के चलते मुलायम सिंह ने अपना रुख पलटते हुए मनमोहन सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके सांसदों ने सरकार के समर्थन कर दिया. मुलायम ने अपने इस फैसले को राष्ट्रहित में लिया गया निर्णय बताया था. अब न मुलायम सिंह है न अमर सिंह व और न अब मनमोहन सिंह. पर सियासी तौर पर यूपी ने हर वक्त में राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका को सामने रखा है. अभी हाल में अखिलेश यादव ने मनमोहन सिंह व मुलायम सिंह यादव की तस्वीर शेयर करते हुए केन बेतवा लिंक परियोजना की चर्चा की थी.

अजय कुमार,लखनऊ

यह भी पढ़ें Chaibasa News: दो ट्रैकमैनों की सतर्कता से बड़ी रेल दुर्घटना टली

 

यह भी पढ़ें Palamu News: बच्चे के इलाज के बहाने महिला से दुष्कर्म, क्लीनिक संचालक गिरफ्तार

Edited By: Sujit Sinha

Related Posts

Latest News

भारत में शुरू हुई CNAP सर्विस: अब हर कॉल पर दिखेगा कॉल करने वाले का असली नाम भारत में शुरू हुई CNAP सर्विस: अब हर कॉल पर दिखेगा कॉल करने वाले का असली नाम
बाबूलाल मरांडी के साथ दिखा CCTV फुटेज, कांग्रेस नेता बोले, कोई लेनदेन नहीं हुआ
रांची से निकलता है पत्रकारिता में सफलता का रास्ता, राष्ट्रीय संस्थानों तक पहुंचती झारखंड की कलम
Jharkhand Waterfalls: झारखंड के प्रमुख वाटरफॉल, नाम, स्थान और पूरी जानकारी
अवेंजर वॉरियर्स को हराकर डिवाइन स्ट्राइकर्स ने जीता रोमांचक फाइनल
Giridih News : नकली विदेशी शराब तैयार करने की फैक्ट्री का उद्भेदन, भारी मात्रा में नकली शराब जब्त, तीन गिरफ्तार
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी फिर गिरफ्तार, हिरासत से पहले मारपीट के आरोप
सेक्रेड हार्ट स्कूल में लोकतंत्र की जीवंत तस्वीर, तृतीय यूथ पार्लियामेंट का सफल आयोजन
पीरटांड के पाण्डेयडीह में आपस में टकराई तीन गाड़ियां, एक महिला की मौत
भालूबासा में 21 वर्षीय युवक ने नशे से परेशान होकर की आत्महत्या, परिवार में मातम
WhatsApp ने नए फीचर्स किए लॉन्च, मिस्ड कॉल मैसेज से AI स्टेटस तक बड़ा अपडेट
डालमिया भारत ग्रुप ने मनाया सेवा दिवस, सतत विकास और समाज सेवा पर रहा फोकस