100 करोड़ वसूली का आरोप : अनिल देशमुख की ढाल बने शरद पवार, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पमरबीर सिंह
नयी दिल्ली : महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा बार-होटलों से 100 करोड़ रुपये वसूली के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने के आरोपों पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने आज दूसरे दिन भी अपना पक्ष रखा। हालांकि सोमवार को पवार का रुख थोड़ा अलग था और उन्होंने अनिल देशमुख का बचाव किया और उनके इस्तीफे के सवालों को खारिज कर दिया।
शरद पवार ने कहा कि ऐसा लगता है कि परमबीर सिंह ने वे बातें इसलिए कहीं, क्योंकि उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। शरद पवार ने कागजात दिखाते हुए दावा किया कि छह फरवरी से 15 फरवरी के बीच अनिल देशमुख नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे। वहीं, 16 फरवरी से 27 फरवरी के बीच वे होम क्वारंटीन पर नागपुर में थे। पवार ने कहा कि जबकि परमबीर सिंह ने जो पत्र लिखा था उसमें यह दावा किया गया था कि फरवरी मध्य में सचिन वझे और अनिल देशमुख के बीच उनके मुंबई स्थित ज्ञानेश्वर बंगले में बैठक हुई थी।
जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता: शरद पवार, एनसीपी https://t.co/krVt0cWozl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 22, 2021
शरद पवार ने इस बात के आधार पर देशमुख के इस्तीफे की बात को खारिज कर दिया। पवार ने कहा कि पूर्व पुलिस कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृहमंत्री के अमुक निर्देशों की जानकारी मिली थी, छह से 16 फरवरी तक देखमुश कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे।
शरद पवार ने कहा, जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
हालांकि भाजपा के आइटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा है कि 15 फरवरी को देखमुश प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे।
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष व पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है लगता है कि शरद पवार ने परमबीर सिंह के पत्र के बारे में सही ढंग से ब्रीफ नहीं किया। इस पत्र में दिए गए सबूतों से पता चलता है कि मीटिंग की तारीख फरवरी के आखिर में बतायी गयी है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र में सरकार को खतरा नहीं है, पर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सकरार खतरे में है।
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी का गलत इस्तेमाल कर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहता है तो हम उन्हें आगाह करना चाहते हैं कि वे आग से न खेलें, आप अपने ही आग में जल जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी पर आरोप लगा सकता है और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने फैसला किया है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए, तो इसमें गलत क्या है।
Former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh files a petition before the Supreme court about his transfer to Home Guard Department.
(File photo) pic.twitter.com/Q7Wce4HN2o
— ANI (@ANI) March 22, 2021