प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ केसी सिन्हा व वर्ल्ड रिकॉर्डस होल्डर आरके श्रीवास्तव ने लाॅकडाउन में लगायेंगे सपनों को पंख

प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ केसी सिन्हा व वर्ल्ड रिकॉर्डस होल्डर आरके श्रीवास्तव ने लाॅकडाउन में लगायेंगे सपनों को पंख

आईआईटी प्रवेश परीक्षा 2020 में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिये आईआईटीयन बनने का सपना होगा अब सच। कोरोना के कारण कोटा से लौटे बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित देश के अन्य स्टूडेंट्स के लिये अवसर ट्रस्ट लाया है बेहतर विकल्प। देश के जाने माने शिक्षाविद डॉ के सी सिन्हा और बहुचर्चित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन से सम्मानित मैथेमैटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव से पढकर आईआईटी में जाने का सपना होगा सच। 18 जुलाई 2020 से शुरू होने वाले आईआईटी प्रवेश परीक्षा की कोचिंग के लिये अवसर ट्रस्ट लाया है लॉकडाउन मे Physics, Chemistry, Mathematics का online क्लासेज, विस्तृत जानकारी के लिये स्टूडेंट्स 9568012777, 7277636566 , 7542824362 पर सम्पर्क कर जानकारी ले सकते हैं ।

केसी सिन्हा : इनकी किताब से पढ़ाते हैं शिक्षक

ये बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि कैलकुलस और अलजेब्रा जैसी किताबें लिखने वाले केसी सिन्हा गणित में फेल कर गए थे। यह बात तब की है, जब वह बचपन में अपने आगे की पढ़ाई करने के लिए जिला स्कूल आरा में प्रवेश परीक्षा देने गए थे।

पहली बार में असफल होने के बाद वे दूसरी बार मेहनत कर प्रवेश परीक्षा पास कर गए। वे कहते हैं, फेल होने वाली बात मेरे जीवन के लिए सबसे बड़ी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। गणित में फेल होने की बात दिल पर लग गई। आज 60 से अधिक किताबें लिख चुके केसी सिन्हा बताते हैं कि शुरुआत में क्लास में मेरी रैंक अच्छी नहीं आती थी लेकिन फिर अथक मेहनत से मैंने अपनी रैंकिंग सुधारी।

महज 28 वर्ष की उम्र में कैलकुलस से प्रसिद्धि पाने वाले केसी सिन्हा ने उन कठिनतम सवालों को अपने किताब का आधार बनाया जिसमें वह फंसते थे।

वे बताते हैं कि बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए पढ़ाता हूं। मेरी किताबों की भी यही खासियत है इसमें स्टूडेंट की क्वेरी के हिसाब से चैप्टर बने हैं। इसने उन्हें इतनी बड़ी कामयाबी दिलाई की आज भी मैथ्स में सफलता पाने के लिए हर छात्र को यही सीख दी जाती है कि केसी सिन्हा की किताब पढ़ो।

वे पटना साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल भी रह चुके हैं। वे बताते हैं कि वह ग्रामीण छात्रों को पढ़ाने के लिए वीडियो लेक्चर भी देते हैं। गांव में चूंकि कोई सुविधा नहीं है इसलिए वहां के बच्चों से जुडऩा चाहते हैं और गरीब स्टूडेंट्स को भी पढाना चाहते हैं।

आरके श्रीवास्तव

गणित पढाने की दीवानगी का नाम है आरके श्रीवास्तव
जादुई तरीके से खेल-खेल में सिखाते हैं गणित का गुर

लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स बिना किसी तनाव के एन्जॉय करते हुए हल करते हैं गणित के प्रश्न।

आरके श्रीवास्तव का लगातार 12 घंटे चलने वाला गणित का स्पेशल नाईट क्लासेज पूरे देश मे बना है चर्चा का विषय।

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज हो चुका है।

सफलता किसे अच्छी नहीं लगती है और लोग सफल होने के लिए रात दिन मेहनत भी करते हैं, ऐसे में जिनके इरादे और हौसले बुलंद हो तो निश्चित ही वे लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं और सबके लिए सफलता की एक नई
मिसाल पेश करते हैं। तो चलिए आज हम आप सबके बीच कुछ ऐसे ही सफल लोगों के बारे में बात कर रहे हैं जिनसे आप भी जरुर प्रेरित होंगे।

“कोशिश जारी रख,
जरूर सफल तेरा काम होगा।
तू बस धैर्य बांधे रख,

शीर्ष पर तेरा भी नाम होगा।”

यह शायरी मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव पर सौ प्रतिशत सटीक बैठती है। आरके श्रीवास्तव यानी गणित पढ़ाने का दीवाना, पूरी रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाते, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव मशहूर हैं कि वे जादुई तरीके से खेल-खेल में गणित का गुर सिखाते है। चुटकले सुनाकर खेल-खेल में पढ़ाते हैं। गणित के मशहूर शिक्षक मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव जादुई तरीके से गणित पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी पढ़ाई की खासियत है कि वह बहुत ही स्पष्ट और सरल तरीके से समझाते हैं। सामाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, चुटकुले बनाकर सवाल हल करना आरके श्रीवास्तव की पहचान है। गणित के लिये इनके द्वारा चलाया जा रहा नाईट क्लासेज अभियान पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है। पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाना कोई चमत्कार से कम नही। सबसे बड़ी बात है कि वैसे स्टूडेंट्स जिन्हें गणित के नाम से ही डर लगता है परंतु वे आरके श्रीवास्तव के क्लास में जब शिक्षा ग्रहण करते है तो वे गणित के हौवा को भूल जाते है। स्टूडेंट्स अगले दिन भी यह कहते है कि हमे आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लासेज में पूरे रात लगातार 12 घण्टे गणित पढ़ना है। पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स बिना किसी तनाव के एन्जॉय करते हुए गणित के प्रश्नों को हल करते है।

उनके इस क्लास को देखने और उनका शैक्षणिक कार्यशैली को समझने के लिए कई विद्वान इनका इंस्टीटूट देखने आते है। नाईट क्लासेज अभियान हेतु स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने और गणित को आसान बनाने के लिए यह नाईट क्लासेज अभियान अभिभावकों को खूब भा रहा। स्टूडेंट्स के अभिभावक इस बात से काफी प्रसन्न दिखे की मेरा बेटा बेटी जो ठीक से घर पर पढ़ने हेतु 3-4 घण्टे भी नही बैठ पाते, उसे आरके श्रीवास्तव ने पूरे रात लगातार 12 घण्टे कंसंट्रेशन के साथ गणित का गुर सिखाया। आपको बताते चले कि अभी तक आरके श्रीवास्तव के द्वारा 200 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित की शिक्षा दी जा चुकी है जो अभी भी जारी है।

वैसे आरके श्रीवास्तव का प्रतिदिन क्लास में तो स्टूडेंट्स गणित का गुर सीखते ही है, परंतु यह स्पेशल नाईट क्लासेज प्रत्येक शनिवार को लगातार 12 घण्टे बिना रुके चलता है। आरके श्रीवास्तव गणित बिरादरी सहित पूरे देश मे उस समय चर्चा में आये जब एक चैलेंज के दौरान इन्होंने क्लासरूम प्रोग्राम में बिना रुके पाइथागोरस थ्योरम को 50 से ज्यादा अलग-अलग तरीके से सिद्ध कर दिखाया। आरके श्रीवास्तव ने कुल 52 अलग-अलग तरीको से पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध कर दिखाया। जिसके लिए इनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन में दर्ज हो चुका है।

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन के छपी किताब में यह जिक्र भी है कि बिहार के आरके श्रीवास्तव ने बिना रुके 52 विभिन्न तरीकों से पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध कर दिखाया। इसके लिए ब्रिटिश पार्लियामेंट के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने आरके श्रीवास्तव को इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी। इसके अलावा आरके श्रीवास्तव संख्या 1 क्या है?, पर शैक्षणिक सेमिनार में घंटों भाषण देकर अपने प्रतिभा से बिहार को गौरवान्वित कराया।

आरके श्रीवास्तव गणित को हौवा या डर होने की बात को नकारते हैं। वे कहते हैं कि यह विषय सबसे रुचिकर है। इसमें रुचि जगाने की आवश्यकता है। अगर किसी फॉर्मूला से आप सवाल को हल कर रहे हैं तो उसके पीछे छुपे तथ्यों को जानिए। क्यों यह फॉर्मूला बना और किस तरह आप अपने तरीके से इसे हल कर सकते हैं? वे बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी, जो नौंवी और दसवी तक आते-आते परवान चढ़ी।

आरके श्रीवास्तव अपने पढ़ाई के दौरान टीबी की बीमारी की वजह से आईआईटी प्रवेश परीक्षा नही ले पाये थे। उनकी इसी टिस ने बना दिया सैकड़ों आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर। आर्थिक रूप से गरीब परिवार में जन्मे आरके श्रीवास्तव का जीवन भी काफी संघर्ष भरा रहा। वे कहते हैं कि “अगर असफल हो भी गए, तो भी सपनों में जान रख।

पुरस्कार

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन से सम्मानित, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज, बेस्ट शिक्षक अवॉर्ड, इंडिया एक्सीलेन्स प्राइड अवॉर्ड, ह्यूमैनिटी अवॉर्ड, इंडियन आइडल अवॉर्ड,
यूथ आइकॉन अवॉर्ड सहित दर्जनों अवॉर्ड आरके श्रीवास्तव को उनके शैक्षणिक कार्यशैली के लिए मिल चुके हैं।
इसमें कोई शक नहीं की आरके श्रीवास्तव देश का गौरव हैं।

Edited By: Samridh Jharkhand

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