KN Govindacharya
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Read More... नदियों की अपनी जमीन तय हो और उसे सरकारी राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जाये : गोविंदाचार्य
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मिर्जापुर : गंगा संवाद यात्रा अपने 19वें दिन में प्रवेश कर गई है। गंगा संवाद यात्रा के साथ चले मिर्जापुर के रामसरन लाल बैकेट लान में पूर्व महाप्रबंधक पावरग्रिड विनय शर्मा, प्रदीप सिंह, देवनारायण गुप्ता, पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेमनारायण को... गोविंदाचार्य की गंगा यात्रा फिर शुरू हुई
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राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के द्वारा आयोजित गंगा संवाद यात्रा सात दिन के विराम के बाद शुरू हो गयी है। केएन गोविंदाचार्य के नेतृत्व में चल रही यह यात्रा 10 अक्टूबर को नरोरा से प्रारंभ हुई थी। गंगा संवाद यात्रा का... पहले भारत को रूस, फिर अमेरिका बनाने की कोशिश हुई, भारत को भारत के रूप में देखना जरूरी : गोविंदाचार्य
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राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की कार्यकारिणी में पास हुआ प्रकृति केंद्रित विकास का प्रस्ताव नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की कार्यकारिणी की सोमवार को यहां बैठक संपन्न हुई। बैठक में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने प्रकृति केंद्रित... अंग्रेजों को भगाने के बाद भारत की राजनैतिक यात्रा 30-30 वर्षों के तीन चरणों में देखी जा सकती है : गोविंदाचार्य
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1950-1980, 1980-2010, 2010-2020 और आगे 2040 तक केएन गोविंदाचार्य हर चरण के बारे मे समझने के दो आघार बिंदु हैं. एक है भारत के बारे मे समझ, फलतः भारत के लिए राजनैतिक व्यवस्था और दूसरा पहलू है भारत की अर्थव्यवस्था... उपनिवेशवाद : दो-ढाई सौ वर्षों का संक्षिप्त विवरण, भाग 1 : केएन गोविंदाचार्य
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केएन गोविंदाचार्य उपनिवेशवाद परिणामतः साम्राज्यवाद की कहानी पिछले लगभग 500 वर्षों की है. 1490 से 1500 के बीच कोलंबस अमेरिका पहुंचा, वास्को डिगामा भारत. वैसे तो 1600 वर्ष पूर्व भी ईसाई मत का प्रवेश दक्षिण-पश्चिम तट पर हुआ था. यहूदी... कोरोना के बारे में कुछ चिंतनीय पहलु पर केएन गोविंदाचार्य के विचार पढें
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आजकल कोरोना के जन्मस्थान को लेकर भारी विवाद है. रूस, चीन, अमेरिका के ऊपर उँगलियाँ उठ रही हैं. कोई प्रकृतिजन्य मान रहा है तो कोई मानव का कारस्तानी मान रहा है. इस विवाद के विस्फोट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को... शब्दों को बार-बार दोहराना एक बात है, शब्द के अर्थ को जीने की बात ही कुछ और है
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केएन गोविन्दाचार्य हमारे अभिभावक आदरणीय यशवंत राव केलकर जी नानी तीन बार हँसी आख्यान सुनाते थे. बात गहरी थी. उस कथा का अर्थ समझने मे जिन्दगी निकल जाय ऐसी भी स्थिति बनती है. एक नानी थी. वह साइकिल रिक्शे से... राष्ट्रभक्ति केवल भावना नहीं, जीवन व्यवहार भी है : केएन गोविन्दाचार्य
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केएन गोविन्दाचार्य सन 1983 से संघ परिवार में हममें से कइयों के अभिभावक यशवंत राव केलकर ने बताया था कि संघ, संघ परिवार के बाद संघ महापरिवार तक की दूरी तय करना है. ऐसे सभी लोग या समूह जो समाज... कोरोना संकट और प्रवासी मजदूरों का दर्द : स्वदेशी की दिशा में बढ़ने का आज का तकाजा पर गोविंदाचार्य के विचार
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केएन गोविंदाचार्य प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के स्वरोजगारियों की घर वापसी की अंतहीन व्यथा-कथा, उनका मौन विलाप पिछले 70 वर्षों की विकास यात्रा की कथा का ऑडिट रिपोर्ट है. बैलेंसशीट में प्रवासी मजदूरों और उनके समकक्ष लोग कम से... 