झारखंड: गोड्डा में कमरे में मिला एमबीबीएस डाॅक्टर का शव, छह महीने से नहीं मिला था वेतन, बच्ची के दूध तक पर संकट
गोड्डा (Godda, Jharkhand) : झारखंड के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट में एक एमबीबीएस डाॅक्टर (Godda MBBS Doctor Vijay Krishna Srivastava Death) का शव बुधवार (7th october 2020) को उनके घर के कमरे से बरामद किया गया. मृतक डाॅक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव (Godda MBBS Doctor Vijay Krishna Srivastava) पोड़ैयाहाट प्रखंड के देवटांड़ स्वास्थ्य केंद्र पर कांट्रेक्ट डाॅक्टर के रूप में तैनात थे और उन्हें छह महीने से तनख्वाह नहीं मिली थी. तनख्वाह नहीं मिलने से परिवार में पैसे की दिक्कत रहती थी और अकसर कलह हुआ करता था. वेतन नहीं मिलने से परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी बुरी हो गयी थी कि तीन साल की बेटी के दूध के लिए भी पैसे जुटाना मुश्किल हो गया था.

उनकी मौत की वजह आत्महत्या या हार्टअटैक बतायी जा रही है. डाॅक्टर की पत्नी सुजाता विजय श्रीवास्तव ने कहा है कि उनके पति को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिला था, इससे पैसों का घोर संकट था, यहां तक की बच्चे को दूध पिलाने तक का पैसा नहीं था. उन्होंने कहा कि वेतन के लिए सिविल सर्जन सहित अन्य पदाधिकारियों से कई बार आग्रह किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पैसों के अभाव में घर पर अक्सर कलह भी होता था. डाॅक्टर के पांच दिन पहले ही मौत होने की बात बतायी जा रही है, जिसके शव में सड़न शुरू होने पर फैले बदबू से मामले का खुलासा हुआ.
पैसों को लेकर ही 15 दिन पहले परिवार में कुछ विवाद होने पर पत्नी सुजाता विजय कृष्ण बच्चों को लेकर पंजवारा चली गयीं थी और इस दौरान यह घटना घट गयी.
डाॅक्टर विजय ने सेना, रेलवे सहित गोड्डा के कई निजी अस्पातालों में कांट्रेक्ट नौकरियां की थी. तीन महीने पहले जब लाॅकडाउन में बडी संख्या में प्रवासी श्रमिक घर आ रहे थे तब उनके गोड्डा जेल में नियुक्ति हुई थी और बाद में उन्हें स्वास्थ्य केंद्र पर पदास्थापित कर दिया गया.
गोड्डा के सिविल सर्जन डाॅक्टर शिव प्रसाद मिश्रा ने इस संबंध में कहा कि डाॅक्टर विजय की नियुक्ति डीएमएफटी के तहत हुई थी और इस योजना के तहत नियुक्त किसी कर्मी को छह महीने से वेतन नहीं मिला है. इस संबंध में कई बार मांग की गयी लेकिन फंड का आवंटन हीं हुआ.
कटिहार से किया था एमबीबीएस, केरल की नर्स प्रेम विवाह
डाॅक्टर विजय ने कटिहार मेडिकल काॅलेज से एमबीबीएस की पढाई की थी और इसी दौरान उन्होंने 1997-98 में केरल की नर्स सुजाता से प्रेम हो गया जिससे उन्होंने विवाह कर लिया. इस दंपती को तीन बच्चे हैं, जिसमें 16 साल के सूर्यन विजय, 13 साल के जयेश विजय और तीन साल की बेटी ऋषिता शामिल हैं. पैसों के अभाव में जयेश विजय का स्कूल से नाम कट गया. वेतन नहीं मिलने पर ये लोग स्कूल की फीस नहीं भर पा रहे थे.
भाजपा ने हेमंत सरकार की निंदा की
इस घटना के बाद विपक्षी भाजपा ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला है. पार्टी ने एक ट्वीट कर कहा है कि सिस्टम से एक डाॅक्टर हार गया. झारखंड भाजपा ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल पूछा है कि कोरोना से लड़ने मेंजब ये सबसे आगे खड़े थे तब छह महीने से अधिक का वेतन न देना यह घोर अपराध है, आखिर ऐसा क्यों? अब इनकी मौत का जिम्मेवार कौन है हेमंत सोरेन जी?
झारखण्ड के सिस्टम और सरकारी व्यवस्था से हार गया एक डॉक्टर,
कोरोना से लड़ने में जब ये सबसे आगे खड़े थे तब छह महीने से अधिक का वेतन न देना यह घोर अपराध है, आखिर ऐसा क्यों?
अब इनके मौत का जिम्मेदार कौन है @HemantSorenJMM जी?#HatyariJMMSarkar pic.twitter.com/CTNKDScwoK
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) October 8, 2020
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा है : झारखंड के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. हर दिन समाचार पत्र में सरकार की लापरवाही से हुई दर्दनाक घटना की खबर छपी रहती है. कहीं इलाज के अभाव में माँ का अपनी बच्ची के साथ आत्मदाह, तो कहीं समय से वेतन नहीं मिलने से डॉक्टर की मौत, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
झारखंड के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हर दिन समाचार पत्र में सरकार की लापरवाही से हुई दर्दनाक घटना की खबर छपी रहती है। कहीं इलाज के अभाव में माँ का अपनी बच्ची के साथ आत्मदाह, तो कहीं समय से वेतन नहीं मिलने से डॉक्टर की मौत। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। pic.twitter.com/hTX7v4zgXh
— Raghubar Das (@dasraghubar) October 8, 2020
