बिहार विधानसभा ने जाति आधारित जनगणना के पक्ष में सर्व सहमति से प्रस्ताव किया पास
Bihar assembly passes unanimous resolution in favour of caste-based census

Bihar assembly passes unanimous resolution in favour of caste-based census. pic.twitter.com/L6uLjZ3cIc
— ANI (@ANI) February 27, 2020
मालूम हो कि दो दिन पहले ही भाजपा की सत्ता में हिस्सेदारी होने के बाजवूद बिहार में एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था. एनआरसी के खिलाफ सर्वसहमति से प्रस्ताव का उल्लेख हुआ था. वहीं, एनपीआर से संबंधित प्रस्ताव में यह कहा गया था कि बिहार में मौजूदा फार्मेट वाला एनपीआर स्वीकार नहीं होगा, बल्कि 2010 के फार्मेट वाला एनपीआर लाया जाए. उस फार्मेट को कांग्रेस शासन में पी चिंदबरम के गृहमंत्री रहते तैयार किया गया था, जबकि मौजूदा फार्मेट भाजपा सरकार में अमित शाह के गृहमंत्री रहते तैयार किया गया है.
समाजवादी विचाराधारा की पार्टियां हमेशा से जाति आधारित जनगणना की मांग करती रही हैं. उनकी राजनीति का आधार पिछड़ा वर्ग होता है, जिसमें विभिन्न जातियां शामिल हैं. जाति आधारित जनगणना होने की स्थिति में आबादी के हिसाब से विभिन्न जातियों के प्रतिनिधित्व की मांग की जा सकती है.
