डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट ने कोरोना वैक्सीन के मिश्रण को बताया खतरनाक ट्रेंड

डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट ने कोरोना वैक्सीन के मिश्रण को बताया खतरनाक ट्रेंड

Mixing and matching Covid-19 vaccines dangerous trend : WHO chief scientist Soumya Swaminathan

 

जेनेवा (स्विटजरलैंड) : विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने सोमवार को विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन के मिश्रण के खिलाफ बड़ी चेतावनी दी। डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने पहले व दूसरे डोज में अलग-अलग कंपनी के वैक्सीन के मिश्रण एवं मिलान के खिलाफ चेतावनी देते हुए इसे खतरनाक प्रवृत्ति बताया। उन्होंने इस संबंध में डाटा के अभाव की बात भी कही।

डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ऐसे बहुत सारे लोगों के प्रश्न प्राप्त होते हैं जो कहते हैं कि उन्होनंे एक डोज ली है और दूसरी लेने की योजना बना रहे हैं। पर, यहां थोड़ा खतरनाक चलन है। उन्होंने कहा कि मिक्स एंड मैच के मामले में हम डेटा मुक्त, साक्ष्य मुक्त क्षेत्र में हैं।

मिक्स एंड मैच कोविड-19 के दो अलग निर्माताओं के दो खुराक का उपयोग एवं टीकाकरण की एक विधि है। फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्न, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, भारत बायोटेक के साथ-साथ रूसी स्पुतनिक वी सहित वर्तमान में उपयोग में आने वाले अधिकतर टीकों को प्रत्येक के लिए अलग-अलग शॉट्स के बीच निर्धारित अंतराल पर दो खुराक देने की आवश्यकता होती है। स्पुतनिक वी ने स्पुतनिक वी लाइट नाम से सिंगल डोज और जॉनसन एंड जॉनसन ने भी सिंगल डोज की वैक्सीन बनायी है।

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डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने विश्व स्तर पर वैक्सीन के समान वितरण की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास चार देश हैं, जिन्होंने बूस्टर कार्यक्रम की घोषणा की है और कुछ और इसके बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि 11 उच्च व उच्च मध्यम आय वाले देश यह तय करते हैं कि वे अपनी आबादी व उप समूहों के लिए बूस्टर डोज दिया जाएगा तो इसके लिए टीके की अतिरिक्त 800 मिलियन खुराक की जरूरत होगी।

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उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि बूस्टर शॉट की निश्चित रूप से जरूरत है, खासकर दो खुराक के टीकाकरण के तुरंत बाद। उन्होंने कहा कि इसके बजाय कोवैक्स कार्यक्रम के माध्यम से टीकों का वितरण उन देषों में करने की आवश्यकता है जो अपने अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, बुजुर्गाें व कमजोर आबादी का टीकाकरण नहीं कर पाए हैं।

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Edited By: Samridh Jharkhand

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