भारत की ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं में 1.2 अरब डॉलर का निवेश करेगा यूके
वित्त मंत्री ने 11वीं यूके.भारत आर्थिक और वित्तीय वार्ता का किया नेतृत्व

यूके ने कहा कि यह फंड सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में निवेश के लिए है। इस पैकेज में भारत में हरित परियोजनाओं में यूके के विकास वित्त संस्थान सीडीसी से एक बिलियन डॉलर का निवेश और अभिनव हरित तकनीकी समाधानों पर काम करने वाली कंपनियों का समर्थन करने के लिए दोनों सरकारों द्वारा संयुक्त निवेश और संयुक्त ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड में एक नया 200 मिलियन डॉलर का निजी और बहुपक्षीय निवेश भी शामिल है, जो भारतीय अक्षय ऊर्जा में निवेश करता है।
Finance Minister Smt. @nsitharaman and the U.K. Treasury Chancellor Mr. @RishiSunak adopted Joint Statement on the 11th India-UK Economic and Financial Dialogue. (6/8) pic.twitter.com/2aeUAci8MY
यह भी पढ़ें climate कहानी : अब भी बचाया जा सकता है 1.5°c का लक्ष्य, नई रिपोर्ट ने दिखाई उम्मीद की राह— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 2, 2021
इसके अलावा दोनों देशों ने क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव (सीएफएलआई) के शुभारंभ का भी स्वागत किया है, जिसका नेतृत्व 6.2 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति के लिए जिम्मेदार प्रमुख वित्तीय संस्थानों के एक समूह द्वारा किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता जलवायु महत्वाकांक्षा और समाधान पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत माइकल ब्लूमबर्ग करेंगे। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सनक और उनकी भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण ने इस पर सहमति जताई।
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 11वीं भारत-यूनाइटेड किंगडम आर्थिक और वित्तीय (ईएफडी) वार्ता यहां संपन्न हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अयोजित इस बैठक में सीतारमण के समकक्ष यूनाइटेड किंगडम के ट्रेजरी चांसलर ऋषि सनक शामिल रहे। भारत.यूनाइटेड किंगडम आर्थिक और वित्तीय वार्ता के दौरान जी-20 और सीओपी-26 सहित बहुपक्षीय मुद्दों और आर्थिक सहयोग पर भी चर्चा हुई।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने फिनटेक और गिफ्ट सिटीए वार्षिक भारत.यूके वित्तीय बाजार संवाद और वित्तीय बाजारों में सुधार के लिए चल रहे उपायों पर विशेष जोर दिया। साथ ही वित्तीय सेवा सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी विचार.विमर्श किया गया। इसके अलावा बुनियादी ढांचे के विकास और सतत वित्त और जलवायु वित्त को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई।
दोनों देशों के बीच आयोजित इस वर्चुअल बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास, सेबी के अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के अध्यक्ष, आर्थिक मामलों के सचिव और वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग, यूके के अन्य प्रतिनिधि भी शामिल थे। वहीं, यूके के प्रतिनिधिमंडल में बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वित्तीय आचरण प्राधिकरण, आर्थिक सचिव और यूके एचएमटी के अन्य प्रतिनिधि भी शामिल थे।
