एनजीटी ने झारखंड प्रदूषण बोर्ड के दो अधिकारियों पर लगाया जुर्माना, ATR में जानकारियां थीं अधूरी

रांची : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) पूर्वी क्षेत्र ने झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दो अधिकारियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह मामला सीसीएल पिपरवार से जुड़ा है। एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड द्वारा सीसीएल के पिपरवार के एक मामले में सही एक्शन टेकेन रिपोर्ट नहीं देने नहीं देने की वजह से यह कार्रवाई की है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहिनी ओपन कास्ट से डकरा साइडिंग की दूरी करीब ढाई किलोमीटर है। इसका जिक्र पर्यावरण क्लियरेंस में नहीं है। यहां थ्री टायर ग्रीन बेल्ट का उपयोग भी नहीं हो रहा है। इसका जिक्र एक्शन टेकन रिपोर्ट में नहीं है।
कमेटी ने अपनी जांच में रास्ते में कहीं फिक्स स्प्रिंकलर नहीं पाया। कमेटी ने एनजीटी को बताया कि पर्यावरण स्वीकृति मिलने के तीन महीने बाद एयर क्वाइलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाना था, लेकिन 11 साल तक सिस्टम नहीं लगाया गया। इसका जिक्र रिपोर्ट में नहीं किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वातावरण में शीशा की मात्रा 3.54 से 3.96 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर था, जो तय सीमा से अधिक है। पीएम 10 की मात्रा 480 व पीएम 2.5 की मात्रा 190 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया था। प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं था। दामोदर नदी के प्रदूषण की भी जानकारी नहीं दी गयी थी।