निषाद केवट समाज को मिले एससी दर्जा: रितेश
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रांची: झारखंड निषाद विकास संघ के तत्वावधान में केंद्रीय समिति की आहूत बैठक को संबोधित करते हुये संघ के अध्यक्ष रितेश निषाद ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जब देश का कानून एक है, संविधान एक है तो हमारे केवट निषाद समाज के सभी उप जातियों के साथ भेदभाव क्यों किया जाता है ? भारत के 13 राज्यों में हमारे समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त हो चुका है, लेकिन झारखंड में इसे अब तक वंचित रखा गया है ? जब भारत के कुछ राज्यों में केवट निषाद के सभी उप जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त हो चुका है तो झारखंड में इसे अब तक लागू क्यों नहीं किया गया ? उन्होंने कहा कि निषाद समाज की ये मांग है कि सरकार यहां मल्लाह, केवट, फीवर व निषाद जाति के सभी उप जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दे।
उन्होंने कहा कि झारखंड में निषाद समाज की सभी उप जातियों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। निषाद समाज किसी तरह दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने को विवश है। वहीं संघ के हजारीबाग जिला अध्यक्ष प्रदीप निषाद ने कहा कि झारखंड में मत्स्य विभाग का भी गठन होना चाहिए। साथ ही यहां के तालाबो को नगर निगम से मुक्त किया जाना चाहिए। जिससे हमारे समाज की आर्थिक दयनीय स्थिति में सुधार हो सके। कार्यक्रम में शामिल हुई, जमशेदपुर की लोकसभा प्रत्याशी सविता केवर्थ ने भी महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार रखते हुए कहा कि निषाद समाज की महिलाओं को समाज के विकास में बढ़- चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो मजबूर होकर हम सभी आंदोलन करने को बाध्य होंगे। बैठक में राज्य के अलग- अलग जिलों से आए निषाद समाज के सदस्य शामिल हुए।
Edited By: Samridh Jharkhand