Ranchi News: डीपीएस में वार्षिकोत्सव ‘संस्कृति: द एसेंस ऑफ़ भारत’ का भव्य आयोजन
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत गीत ‘पधारो म्हारे देश’ से हुआ
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत गीत ‘पधारो म्हारे देश’ से हुआ, जिसे सुनकर दर्शक मंत्रमुग्घ हो गए. इसके बाद प्राइमरी विंग के छात्रों ने ‘म्यूजिकल मेलोडी’ प्रस्तुत की, जिसमें नए और पुराने लोकप्रिय गीतों का संगम किया गया.
रांची: डीपीएस में वार्षिकोत्सव ‘संस्कृति: द एसेंस ऑफ़ भारत’ का भव्य आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि संदीप कुमार कर (कार्यकारी निदेशक, आर.डी.सी.आई.एस., सेल, राँची), विशिष्ट अतिथि ए. के. मिस्त्री, एल.एम.सी. मेम्बर (मुख्य महाप्रबंधक, आर.डी.सी.आई.एस., सेल, राँची), संजोय परीदा (मुख्य महाप्रबंधक, सेल, राँची) और श्री एस. जे. जाचुक, पी.वी.सी. डीपीएस राँची (मुख्य महाप्रबंधक, पी & ए, सेल, राँची), ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई.
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत गीत ‘पधारो म्हारे देश’ से हुआ, जिसे सुनकर दर्शक मंत्रमुग्घ हो गए. इसके बाद प्राइमरी विंग के छात्रों ने ‘म्यूजिकल मेलोडी’ प्रस्तुत की, जिसमें नए और पुराने लोकप्रिय गीतों का संगम किया गया. उनकी संगीतमय प्रस्तुति ने समारोह का माहौल आनंदमय बना दिया.
वर्ग पंचम के विद्यार्थियों ने नारी शक्ति पर आधारित कार्यक्रम अपराजिता प्रस्तुत किया जिसमें हाड़ी रानी, डॉ. लक्ष्मी सहगल, सावित्री बाई फूले और नीरजा भनोट जैसी महान नारियों की वीरता और संघर्ष को दर्शाया. यह प्रस्तुति समाज में महिलाओं की सशक्त भूमिका का प्रेरणादायक चित्रण थी. कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कक्षा तीन के छात्रों ने ‘संगम’ कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय नदियों के महत्त्व को रेखांकित किया. उन्होंने नदियों के किनारों पर बसे शहरों की सांस्कृतिक धरोहर और शास्त्रीय नृत्य शैली की झलक दिखाई. इसके साथ उन्होंने नदियों की स्वच्छता और संरक्षण का संकल्प लिया. भारतीय संस्कृति की डोर थामे कक्षा चार के विद्यार्थियों ने रिश्ते– द इटरनल बॉन्ड नामक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने प्रकृति, परिवार, मित्रता और गुरू जैसे रिश्तों की महत्ता को खूबसूरती से दिखाया. उनकी नृत्य नाटिका ने रिश्तों की गहराई और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया.
वार्षिकोत्सव पर मुख्य अतिथि संदीप कुमार कर ने बच्चों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ‘बच्चों के द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की झलक दिखाती हैं और उनका आत्मविश्वास प्रशंसनीय है.’विशिष्ट अतिथियों ने विद्यार्थियों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं.
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. के. झा ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय की उपलब्धियों पर चर्चा की एवं कहा कि जूनियर विंग किसी भी विद्यालय की नींव होती है जहाँ बच्चों को आगामी शिक्षा के लिए तैयार किया जाता है. उन्होंने विभिन्न स्तर पर हुए प्रतियोगिताओें में बच्चों ने जो जीत हासिल की है उसकी सराहना करते हुए बधाई दी. प्राचार्य ने रंगारंग कार्यक्रम को प्रोत्साहित करते हुआ कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं. बच्चों में अपनी परंपराओं के प्रति सजग सोच लाने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास और टीमवर्क की भावना को भी प्रोत्साहित करते हैं.
कार्यक्रम में अभिभावकों और अन्य गणमान्य अतिथियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों ने तालियाँ बजाकर बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की और विद्यालय की प्रयासों की प्रशंसा की.
‘संस्कृति: द एसेंस ऑफ़ भारत’ वार्षिकोत्सव ने न केवल बच्चों की रचनात्मकता और कौशल को मंच प्रदान किया बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझने का अवसर भी दिया. कार्यक्रम के ग्रैंड फिनाले में सभी प्रतिभागी एक साथ मंचासीन हुए. यह विहंगम दृश्य अविस्मरणीय था.
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हेड बॉय और हेड गर्ल के द्वारा किया गया