बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य हेतु डायरिया पर लगाम जरुरी: कुलकर्णी
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– राज्यभर में 28 मई से 8 जून तक मनेगा नियंत्रण पखवाड़ा
– 39,964 सहिया बहनें घरों में पंहुचाएंगी ओआरएस
स्टेट ब्यूरो: झारखंड के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग के बैनर तले राजधानी के डोरंडा अंतर्गत राजकीय औषधालय में ओआरएस पैकेट वितरित कर सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का आगाज हुआ। इस मौके पर विभागीय सचिव डाॅ नितिन मदन कुलकर्णी ने दावा किया कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य हेतु डायरिया की रोकथाम सर्वाधिक अहम है।
सचिव ने कहा, कि मौजूदा परिवेश में डायरिया का उपचार संभव होने के कारण हम बच्चों के जीवन की रक्षा करने में समर्थ हो सके हैं। कहा, कि स्वच्छता समेत कुछ आदतों को अपने व्यवहार में शामिल कर डायरिया की रोकथाम की जा सकती है। खाना खाने से पहले और शौच के बाद दिन में चार या पांच बार साबुन से हाथ धोना चाहिए। कहा कि पांच साल तक के बच्चों के लिए यह जरूरी है क्योंकि डायरिया होने की संभावना इनमें ही सबसे ज्यादा होती है। डाॅ कुलकर्णी ने कहा कि प्रदेश के लगभग 35 लाख 70 हजार बच्चों तक पहुंच कर उनके लिए ओआरएस का घोल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान कुल 21 लाख 35 हजार 8 सौ 14 बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था व उम्मीद है कि इस वर्ष अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब होंगे।
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स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बच्चों को 15 दिनों तक जिंक का टैबलेट भी दिया जायेगा। बरसात के दौरान डायरिया होने की संभावना सबसे अधिक रहती है। कहा कि डायरिया के दौरान जरूरी है, कि बच्चे को मिलने वाला स्तनपान जारी रखा जाए। इसके अतिरिक्त उपरी आहार भी अत्यावश्यक है। कार्यक्रम में निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं, झारखंड डाॅ राजेन्द्र पासवान, राज्य मलेरिया पदाधिकारी, विजय नाथ खन्ना, निदेशक आईपीएच डाॅ संजय कुमार, आई ई सी कोषांग प्रभारी डाॅ जेपी सांगा, शिशु स्वास्थ्य कोषांग के डाॅ अजीत प्रसाद, डाॅ एम ई अशरफ, डाॅ भी बी प्रसाद, डाॅ एस बी खलखो, युनिसेफ के डाॅ राहुल कापसे, एन एच एम के विभिन्न कोषांगों के परामर्शी और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित थे।
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Edited By: Samridh Jharkhand
