NUSRL में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन, देश भर से 35 टीमों ने लिया हिस्सा 

16 नवंबर को होगा प्रतियोगिता का फाइनल

NUSRL में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन, देश भर से 35 टीमों ने लिया हिस्सा 
ऑनलाइन माध्यम से भी शामिल हुए अतिथिगण व अन्य.

ऑनलाइन प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से 35 टीमों ने भाग लिया है. आज उद्घाटन समारोह के बाद प्रारंभिक राउंड का आयोजन हुआ, इसके बाद 15 नवंबर को ऑक्टा और क्वार्टर फाइनल राउंड होंगे, जबकि सेमीफाइनल और फाइनल 16 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे, जो प्रतियोगिता का समापन भी करेंगे.

रांची: राष्ट्रीय विधि अध्ययन और अनुसंधान विश्वविद्यालय (NUSRL), रांची में 1st सुराना एंड सुराना-एनयूएसआरएल राष्ट्रीय आपराधिक कानून मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से 35 टीमों ने भाग लिया है. आज उद्घाटन समारोह के बाद प्रारंभिक राउंड का आयोजन हुआ, इसके बाद 15 नवंबर को ऑक्टा और क्वार्टर फाइनल राउंड होंगे, जबकि सेमीफाइनल और फाइनल 16 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे, जो प्रतियोगिता का समापन भी करेंगे.

यह प्रतियोगिता इस वर्ष 2024 में नए कानून की आपराधिक संहिता में किए गए संशोधनों पर केंद्रित है, जिसमें अनुपस्थित में आयोजित ट्रायल की वैधता और विस्तारित पुलिस रिमांड की वैधता की जांच की गई है, जो वैधानिक सीमाओं और संवैधानिक अधिकारों के साथ मेल खाती है.

समारोह की शुरुआत कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) अशोक आर. पटिल के स्वागत भाषण से हुई. उन्होंने कहा, हमें गर्व है कि हमारा विश्वविद्यालय इस उत्कृष्ट मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है. उन्होंने NUSRL के छात्रों की विभिन्न मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रतिभागियों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए प्रोत्साहित किया और इस प्रतियोगिता से सीखने के अनुभव का अधिकतम लाभ उठाने की सलाह दी.

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा ने मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं के महत्व पर जोर दिया, यह बताते हुए कि एक प्रभावी वकील बनने के लिए कानूनी शोध और इस तरह की प्रतियोगिताओं का होना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने युवा वकीलों से सार्वजनिक मुकदमेबाजी पर विचार करने और जिला एवं उच्च न्यायालय स्तर पर परीक्षण प्रक्रियाओं में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए योगदान देने का आग्रह किया.

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प्रोफेसर डॉ. उपेंद्र बक्सी, प्रख्यात न्यायविद, ने उद्घाटन समारोह में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वकीलों और न्यायाधीशों के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण अंतर होता है. उन्होंने भारत के कानूनी ढांचे में न्याय के लिए वकालत की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला.

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प्रीतम सुराना, सुराना एंड सुराना के अंतर्राष्ट्रीय वकीलों में अकादमिक पहलों के प्रमुख, ने कानूनी शिक्षा के प्रति अपने योगदान और भारत में मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं के विकास की कहानी सुनाई. समारोह का समापन NUSRL की मूट कोर्ट समिति की संकाय अध्यक्ष, सोनी भोला के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया.

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Edited By: Subodh Kumar

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