सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव संशोधन कर ध्वनिमत से पारित
रांचीः झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र (Special session of assembly) में सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव को विशेष सत्र में दोपहर लगभग एक बजकर 12 मिनट पेश किया. सीएम हेमंत सोरेन के इस प्रस्ताव को सदन के सभी सदस्यों ने ध्वनिमत से पारित (Passed by voice) कर दिया. अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जायेगा.

सरना आदिवासी धर्म कोड (Sarna Adivasi Religion Code) पारित होने पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड महत्वपूर्ण थी. इस प्रास्तव को पास कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध था. वहीं खूंटी के बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा (BJP MLA Neelkanth Singh Munda) ने कहा कि सरना धर्म कोड प्रस्ताव को बीजेपी समर्थन करती है. कांग्रेस ने इसमें भी राजनीति की है. इधर दुमका और बेरमो से सीट से नवनिर्वाचित विधायक बसंत सोरेन और कुमार जयमंगल सिंह को विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
सरना आदिवासी धर्म कोड राजनीति नहीं
सीएम ने सदन में कहा कि सरना आदिवासी धर्म कोड पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. आदिवासियों के लिए धर्मकोड आज के समय में बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि सदन से पहले इसे टीएससी(ट्राईबल अफेयर कमिटी) में चर्चा होनी चाहिए थी. लेकिन अभी तक टीएससी का गठन नहीं हो पाया है. राज्य सरकार फिर से कमेटी गठन की अनुशंसा राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Governor Draupadi Murmu) के सामने रखेगी. जल्द ही कमेटी का गठन किया जाएगा और वह अपना काम करेगी.
आदिवासी समुदाय विलुप्त करने की कोशिश
सदन में चर्चा के दौरान सीएम (CM Hemant Soren) ने कहा कि आदिवासी समुदाय को विलुप्त करने की लगातार कोशिश की जा रही है. अभी तक राज्य सरकार ने आदिवासी समुदाय को गंभीरता से नहीं लिया है. इस समुदाय की जनसंख्या कम होने का सबसे बड़ा कारण बौद्धिक विकास नहीं होना है. तालाब में रहने वाले विभिन्न छोटी मछलियों को बड़ी मछलियां शिकार कर लेती है. इसे बचाना हमारा ही कर्तव्य है.
आदिवासी ऑब्लिक सरना धर्म कोड पर बीजेपी ने जताया आपत्ति
विधानसभा के विशेष सत्र में जैसी चर्चा शुरू हुआ तो बीजेपी के खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यह प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित लगती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को आदिवासी ऑब्लिक सरना धर्म कोड आपत्ति है. आगे उन्होंने कहा कि सदन में सरना धर्म को लाया जाए या फिर सरना आदिवासी धर्मकोड को प्रस्ताव में लाया जाए. बीजेपी इस पर समर्थन करेगी. इसके बाद उसके बाद विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन कर सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव पारित किया गया.
