राजस्व संग्रहण बढ़ाने का एक्शन प्लान तैयार करें सभी विभाग: हेमंत सोरेन
सीएम बोले- विकास कार्यों को गति देनी है और राजस्व संग्रहण बढ़ाना है
सीएम हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/ सचिव के साथ वित्तीय वर्ष 2024- 25 के बजट से परे शुरू की गई नई योजनाओं के अतिरिक्त दायित्वों की पूर्ति एवं वित्तीय वर्ष 2024- 25 के अनुपूरक बजट की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को कई निर्देश दिए.
रांची: राज्य में विकास कार्यों को गति देनी है और राजस्व संग्रहण को भी बढ़ाना है. ऐसे में सभी विभाग राजस्व उगाही में तेजी लाने के साथ अतिरिक्त राजस्व संग्रहण के नए स्रोतों के लिए संभावनाओं को तलाशें. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज झारखंड मंत्रालय में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/ सचिव के साथ वित्तीय वर्ष 2024- 25 के बजट से परे शुरू की गई नई योजनाओं के अतिरिक्त दायित्वों की पूर्ति एवं वित्तीय वर्ष 2024- 25 के अनुपूरक बजट की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए.
राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाएं. इसके साथ राजस्व की बर्बादी तथा स्थापना व्यय को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि रेवेन्यू जनरेट सिस्टम का माइक्रो लेवल ऑब्जरवेशन कर इसकी खामियों को दूर करें. उन्होंने कहा कि सभी विभाग राजस्व संग्रहण का एक्शन प्लान तैयार करें.
राजस्व संग्रहण से जुड़े विभागों में समन्वय जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार विभागों के बीच को-ऑर्डिनेशन नहीं होने से राजस्व संग्रहण की गति धीमी हो जाती है और लक्ष्य के हिसाब से राजस्व संग्रहण नहीं हो पता है. ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए सभी विभाग आपस मे समन्वय बनाकर राजस्व संग्रहण के कार्य को करें. इसके लिए जिलों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
राजस्व देने वाले एजेंसियों को बिजनेस मॉडल बनाएं
मुख्यमंत्री कहा कि कई विभागों में ऐसी कई एजेंसी, बोर्ड और निगम हैं जो राजस्व का बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं. ऐसी एजेंसियों को बिजनेस मॉडल के रूप में स्थापित करें, ताकि वे अपने कार्यों का विस्तार कर सकें. इससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी.
सीएसआर के तहत होने वाले खर्चों की जांच की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कई उद्योग और कंपनियां कार्य कर रही हैं. इनके द्वारा सीएसआर मद से कई जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है. लेकिन, इनके द्वारा खर्च की जा रही सीएसआर राशि की जानकारी राज्य सरकार तक नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में एक ऐसा मेकैनिज्म बनाएं, जिसके जरिए कंपनियों द्वारा सीएसआर मद में किए जाने वाले खर्च की जांच हो सके. उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि वे विभिन्न कंपनियों और उद्योगों समूहों के साथ बातचीत कर राजस्व बढ़ोतरी की संभावनाओं को तलाशें.
यह रहे मौजूद
उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव एमएस मीणा, प्रधान सचिव सुनील कुमार, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव प्रवीण टोप्पो, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव अबू बकर सिद्दीक, सचिव कृपानंद झा, सचिव के श्रीनिवासन, सचिव मनोज कुमार, सचिव उमाशंकर सिंह, सचिव चंद्रशेखर, सचिव अरवा राजकमल, सचिव विप्रा भाल, सचिव जितेंद्र सिंह, सचिव मनोज के अलावा संजीव बेसरा, अमित कुमार, निशा उरांव और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक राजीव लोचन बक्शी उपस्थित थे.