Ranchi news: खादी मेला में आदिवासी संस्कृति से लेकर आध्यात्म की किताबें लोगों को आ रही पसंद
मेले में झारखंड की कला, हस्तशिल्प और संस्कृति का जीवंत अनुभव
राष्ट्रीय खादी और सरस महोत्सव 2024-2025 अब अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, लेकिन लोगों का उत्साह कम नहीं हो रहा है। आज मेले में भारी संख्या में लोगों की उमड़ी भीड़।
रांची: इस वर्ष सरस मेला ने पारंपरिक आदिवासी कला और संस्कृति को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। पलाश ज्वेलरी और वस्त्रों से सजे मॉडलों ने मंच पर अनूठा प्रदर्शन किया, जिसे दर्शकों ने बेहद सराहा। मेले में झारखंड की कला, हस्तशिल्प और संस्कृति का जीवंत अनुभव देखने को मिला।
व्यंजनों और उत्पादों की धूम
किताबों की दुनिया से रूबरू
खादी एवं सरस महोत्सव में भारतीय परिधानों, हस्तशिल्प और व्यंजनों के अलावा जो सबसे अधिक लोगों को पसंद आ रहा है वह है किताबें।
यहां अध्यात्म से लेकर आदिवासी संस्कृति तक की सारी किताबें मिल रही है। रामकृष्ण मिशन आश्रम की ओर से पुस्तक विक्रय केंद्र लगाया गया है जहां आपको रामकृष्ण से जुड़ी हर तरह की किताबें मिल रही हैं। वहीं डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध रांची की ओर से भी प्रकाशन सह विक्रय केंद्र का स्टॉल लगाया गया है। यहां उरांव, संथाल, कोरबा, असुर, ट्राइबल लाइवहुड सहित हर तरह की पुस्तक उचित मूल्य पर मिल जाएगी। इसके अलावा योगदा सत्संग समिति की तरफ से भी स्टॉल लगाया गया है जहां आपको परमहंस योगदानंद और योगदा सत्संग से जुड़ी हर तरह की किताबें यहां मिलेगी ।
आज शनिवार को दिनांक कला एवं संस्कृति विभाग के द्वारा महोत्सव में श्री मुकेश तिवारी एवं दल, राँची द्वारा हिन्दी गायन एवं श्रीमती सिम्मी गोस्वामी एवं दल, राँची द्वारा नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया। श्रीमती वर्षा रितु एवं श्रीमती सिम्मी गोस्वामी के दल द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।
साथ ही, Mrs-Khadi Fashion Show को जैविक बास्केट द्वारा प्रायोजित किया गया जिसमें Mrs- Khadi Fashion Show में मिसेस खादी प्रथम मिनाक्षी पाण्डेय, द्वितीय कृति सहाय एवं तृतीय रीना कुमारी रही।
बच्चों के लिए आयोजित गायन प्रतियोगिता में पांच से बारह आयु वर्ग में प्रथम स्थान आकाश गुप्ता, द्वितीय स्थान ऐश्वर्यम शर्मा एवं तृतीय स्थान जशरीत कौर ने प्राप्त किया।
कल के कार्यक्रम
कल दिनांक 05.01.2025 को कला एवं संस्कृति विभाग के द्वारा श्री पंकज कुमार एवं दल द्वारा संगीत बनारस घराना, श्री आदर्श कुमार एवं ग्रुप द्वारा सूफी संगीत गायन, श्री चुटू सिंह मुंडा एवं दल, द्वारा आदिवासी छऊ नृत्य, और श्रीमती माधवी कुमारी एवं दल द्वारा हिन्दी गायन की प्रस्तुति दी जाएगी।
पलाश मार्ट और जेएसएलपीएस के विभिन्न स्टॉल पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। राष्ट्रीय खादी और सरस महोत्सव ने न केवल झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को मंच दिया, बल्कि महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता को भी बढ़ावा दिया।