झारखंड में महागठबंधन धवस्त
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मोदी लहर में झारखंड बीजेपी के खिलाफ एकजुट महागठबंधन पूरी तरह से धवस्त हो गया है। आलम यह है कि 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे महागठबंधन में चार राजनीतिक दल कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और आरजेडी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस 7, जेएमएम 4 व जेवीएम 2 व आरजेडी 1 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। चतरा में कांग्रेस व आरजेडी ने अपने- अपने उम्मीदवार खड़े किये थे। जनादेश 2019 में ये गठबंधन तार- तार हो गया। खास बात यह रही, कि कांग्रेस इसमें मजबूत तो न हो सकी, उल्टे झामुमो का गढ़ व किला ढह गया।
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जहां तक महागठबंधन का मामला है तो आरंभ से ही इसमें खटपट हो रही थी और यह मजबूती से अपने काम करता नजर नही आ रहा था। जनवरी में चार दलों ने आपसी सहमति से इससे बनने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन सीट बंटवारे में दूरियां साफ झलक रहीं थीं। कई दौर की बात के बाद बंटवारे हुये, लेकिन इसमें आरजेडी रोड़ा बन गया। पार्टी पलामू व चतरा सीट पर अड़ी थी, वहीं कांग्रेस भी पलामू सीट पर अड़ी थी। ऐसे में दोस्ताना संघर्ष हुआ।
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कांग्रेस में सन्नाटा
14 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 7 पर चुनाव लड़ी, लेकिन सिंहभूम छोड़कर बाकि सभी जगह उसे हार का सामना करना पड़ा है। हारनेवाली सीटों में लोहरदगा, चतरा, रांची, सिंहभूम, हजारीबाग, धनबाद और खूंटी शामिल है। सिंहभूम में गीता कोड़ा ने लक्ष्मण गिलुआ को हराकर कांग्रेस की इज्जत बचा दी। चतरा में पार्टी की जमानत जब्त हो गई। हार के बाद पार्टी मुख्यालय में सन्नाटा परस गया है। कांग्रेस के कोई नेता यहां नजर नही आ रहे हैं।
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चुनाव में सर्वाधिक बड़ा झटका झामुमों को लगा है। जेएमएम 4 सीटों दुमका, राजमहल, जमशेदपुर और गिरिडीह पर चुनाव लड़ी थी। इसमें दुमका परम्परागत सीट थी, लेकिन पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन चुनाव हार गये। जमशेदपुर से चंपई सोरेन, गिरिडीह से जगन्नाथ महतो भी चुनाव हार गये। केवल राजमहल सीट से विजय कुमार हांसदा ने भाजपा के हेमलाल मुर्मू को चुनाव में पटखनी देकर झामुमों की इज्जत बचा ली।
Edited By: Samridh Jharkhand
