HAZARIBAGH NEWS: जल संकट व जर्जर सड़क से हरदिया के आदिवासियों में नाराजगी
खराब पड़े चापानल और जलमीनार, गड्ढे का दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
महिलाओं ने बताया कि "हमीन पानी छांक-छांक पीयो हियय हमीन के बीमारी नाय हो जीतय। हींया कुछो के सुविस्थे नखय।" आदिवासी टोला हरदिया में चालीस घर हैं जिसमें तीन सौ से अधिक की आबादी रहती है पर यह आबादी शासन-प्रशासन के लिए अदृश्य है।
पुरुषोत्तम, हजारीबाग

धरमपुर से दो किमी दूर गड्ढे-नाले, जर्जर कच्ची सड़क पार कर जब हरदिया पहुंचा तो पाया यहां ना तो पानी की सुविधा है ना ही सड़क की। हरदिया की महिलाएं फूलमती देवी, सोमरी देवी, अनिता देवी, सुंदरी देवी, सूरजी देवी, देवंती देवी, कंदनी देवी, लीलमुनी देवी खेत में बने गड्ढे से पानी निकाल गमछे से छानकर अपने बर्तनों में भर रही थी। महिलाओं ने बताया कि "हमीन पानी छांक-छांक पीयो हियय हमीन के बीमारी नाय हो जीतय हींया कुछो के सुविस्थे नखय।" आदिवासी टोला हरदिया में चालीस घर हैं जिसमें तीन सौ से अधिक की आबादी रहती है पर यह आबादी शासन-प्रशासन के लिए अदृश्य है। जलमीनार से घरों तक कनेक्शन जरूर दिया गया है लेकिन उसमें पानी नहीं है दो चापानल लगे हैं पर दोनों खराब है। यहां साफ पानी का स्रोत नहीं है इसलिए महिलाएं खेत में बने गड्ढे से पानी छानकर लाती हैं।
लुकुईया नाला पर पुल निर्माण की मांग, बरसात में बंद हो जाता है रास्ता
परमेश्वर मांझी, सोमर मांझी, फिनिलाल मांझी, बजन मांझी, मोहन मांझी ने बताया कि पगडंडियों के सहारे ही आवाजाही होती है। अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो सरकारी एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाती। मरीजों और गर्भवती महिलाओं को धरमपुर मुख्य सड़क तक खटिए पर लादकर ले जाना पड़ता है। लुकुईया नाला पर पुल नहीं रहने के कारण बरसात में रास्ता बंद हो जाता है तथा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लकडी का पुल बनाया था वह भी ढह गया है। उन्होंने कहा कि पानी-सड़क को लेकर ग्रामीण कई वर्षों से गुहार लगाते आए हैं लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला और इस बात को लेकर ग्रामीण काफी नाराज हैं तथा उनकी मांग है कि जल्द हमारी समस्या का सामाधान किया जाए क्योंकि हरदिया के आदिवासी परिवार समस्याओं के बीच छला हुआ महसूस कर रहे हैं। ग्रामीण शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं और सड़क, पानी आदि सुविधाओं की मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी मांगों पर सुनवाई कब तक होती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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