Giridih News: झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से गई युवक की जान, परिजनों ने शव सड़क पर रख किया प्रदर्शन
क्लीनिक संचालक मौके से हुआ फरार
मालडा निवासी पांडेय डीह तिवारी टोला के भैरों तिवारी (उम्र 32 वर्ष), पिता जनार्दन तिवारी, को अचानक सीने में दर्द हुआ था। उसे इलाज के लिए बंगाली डॉक्टर के पास ले जाया गया। वहीं सुई लगाने के दौरान उसकी हालत और बिगड़ गई।
गिरिडीह: गावां थाना क्षेत्र के मालडा पंचायत में अवैध रूप से संचालित एक क्लिनिक में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की स्थिति नाजुक हो गई। परिजन आनन-फानन में उसे गावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टर काजिम खान ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।

इधर, ग्रामीणों ने मालडा भगत जी चौक के पास शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया। वहीं, क्लिनिक संचालक मौके से फरार हो गया। कई घंटों तक आवागमन बाधित रहा। पुलिस और प्रशासन के काफी समझाने-बुझाने के बाद भी लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे।
जिला परिषद सदस्य पवन कुमार चौधरी ने प्रशासन पर जमकर हमला बोला और प्रखंड में स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की मांग की। उन्होंने गावां प्रखंड में चल रहे अवैध क्लिनिक को बंद करवाने की बात कही।
वहीं भाकपा माले प्रखंड सचिव सकलदेव यादव ने भी प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई और गावां प्रखंड में झोलाछाप डॉक्टरों से गरीबों की जान को खतरा बताते हुए इस पर गंभीर कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने जिला प्रशासन एवं जिला सिविल सर्जन से अवैध क्लिनिकों को बंद करवाने एवं मालडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चालू करने की मांग की। साथ ही गावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी को लेकर भी अपनी बात रखी।
घटना की सूचना मिलते ही गावां सीओ अविनाश रंजन एवं गावां चिकित्सा प्रभारी अन्य डॉक्टरों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों से जानकारी ली। काफी प्रयास के बाद लोगों को जाम हटाने के लिए राजी किया गया।
एक ओर गिरिडीह उपायुक्त रामनिवास यादव ने अवैध क्लिनिकों को बंद करने का निर्देश जारी किया है, लेकिन दूसरी ओर गावां प्रखंड में ऐसे क्लिनिक बेधड़क फल-फूल रहे हैं। अमतरों, मालडा समेत कई पंचायतों में अवैध क्लिनिक धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं और प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।
क्लिनिक संचालक मनमाने ढंग से पैसे की वसूली कर रहे हैं, जिससे गरीब ग्रामीणों की जान तक जा रही है।
खबर लिखे जाने तक जानकारी मिली कि गावां सीओ अविनाश रंजन द्वारा दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर क्लिनिक संचालक एवं जिस घर में वह किराए पर रह रहा था, उसके मकान मालिक के साथ ₹4,50,000 की मुआवजे की राशि पर सहमति बनी। इसके बाद परिजन मान गए और शव को हटा लिया गया। फिर दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई।
