हेमंत सोरेन हिम्मत दिखाओ, आदिवासी-मूलवासी विस्थापितों को बचाओ: बिर सिंह बुड़ीउली
ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने शव यात्रा निकाल किया विरोध
ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री सह झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, कल्याण सह परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा और मझगांव विधायक निरल पूर्ति का वादा खिलाफी का आरोप लगा कर दाह संस्कार किया.
चाईबासा: ईचा खरकई बांध विरोधी संघ, कोल्हान द्वारा सादर प्रखंड के प्रभावित क्षेत्रों/गांव में जनसंपर्क अभियान चला कर ग्रामीणों को डैम से होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक कर निर्धारित कार्यक्रमानुसार ग्राम कुरसी गुदड़ी में हेमंत सरकार के मंत्री और विधायक का शव यात्रा निकाल कर दाह संस्कार किया गया. शव यात्रा सभा को सम्बोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बुड़ीउली ने कहा कि हेमंत सोरेन हिम्मत दिखाओ, आदिवासी मूलवासी विस्थापितों को बचाओ. नौ अक्टूबर को होने वाले झारखंड सरकार के अंतिम कैबिनेट बैठक में ईचा रद्द करे. ईचा डैम के लिए गोली खाने तैयार आज हेमंत बाबू विस्थापितों के बोली सुनने को तैयार नहीं. यह कैसा दिशुम गुरु शिबू सोरेन का आंदोलनकारी बेटा, जो कोल्हान के सबसे बड़े विस्थापन के खिलाफ लड़ने वाले आंदोलनकारियों के दर्द को महसूस नहीं कर पा रहे हैं.
झामुमो ने 2019 में ईचा डैम रद्द करने का किया था वादा
झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री सह झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, कल्याण सह परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा और मझगांव विधायक निरल पूर्ति का वादा खिलाफी का आरोप लगा कर दाह संस्कार किया. 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने सरकार बनने पर ईचा डैम रद्द करने का वादा किया था. 2014 में जनजातीय सलाहकार परिषद, उपसमिति बना कर तत्काल कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में सामाजिक आंक्षेपन कर डैम रद्द करने का लाया प्रस्ताव किंतु आज झामुमो सरकार का कार्यकाल खत्म होने को है फिर भी डैम रद्द किया. जिससे झारखंड सहित उड़ीसा के 126 गांव के विस्थापित अक्रोशित हैं.
सदर प्रखंड के पूर्ण और आंशिक रूप से प्रभावित गांव बरकुंडिया से जागरूकता अभियान की शुरुआत कर तेरगो, सोसोहातु, कुईडबुसु:, बुरूहातु, हांथीमंडा, हरिला, पम्पड़ा, लदुबासा, कंकुसी, अंडुवाबना,बड़ा माउदी, छोटा माउदी, बड़ा जयपुर, छोटा जयपुर, रांगो, ग्राम कुरसी पहुंच कर सभा में तब्दील होकर शव यात्रा का अंतिम संस्कार कर सभा का समापन किया. मुख्य रूप से बिर सिंह बुड़ीउली, रेयांस सामड,सुरेश सोय,योगेश कालुंडिया, गुलिया कालुंडिया, रविंद्र अल्डा, बिरसा गोडसोरा, सुनील बाड़ा, मनसा बोदरा, कृष्ण बानरा, निरेश देवगम, सावन सोय, गोसा बुड़ीउली, दुम्बी बुड़ीउली और आंदोलनकारी उपस्थित थे.